अदाणी ग्रुप को बड़ी राहत, SEBI की जांच में नहीं साबित हुए हिंडनबर्ग के आरोप

भारत के दिग्गज उद्योगपति गौतम अदाणी को बड़ी राहत मिली है। बाजार नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अपनी जांच में साफ कर दिया है कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अदाणी समूह पर लगाए गए आरोप सही साबित नहीं हुए। सेबी ने अपने आदेश में कहा कि इनसाइडर ट्रेडिंग और शेयर हेराफेरी जैसे गंभीर आरोपों के समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैं।

सेबी ने 18 सितंबर को पारित अपने अंतिम आदेश में गौतम अदाणी, उनके भाई राजेश अदाणी, अदाणी पोर्ट्स, अदाणी पावर और एडिकॉर्प एंटरप्राइजेज को दोषमुक्त कर दिया। आदेश में कहा गया कि लगाए गए आरोपों के आधार पर किसी तरह की जिम्मेदारी तय करना संभव नहीं है। इस वजह से न तो किसी दंड की आवश्यकता है और न ही किसी अन्य कार्रवाई की।

24 जनवरी 2023 को अमेरिकी शॉर्ट-सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह पर गंभीर आरोप लगाए थे। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि समूह ने टैक्स हेवन देशों और शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर फंड ट्रांसफर किया और फिर उन्हीं पैसों से अपनी कंपनियों में निवेश कर शेयरों की कीमतें कृत्रिम तरीके से बढ़ाईं। इसके अलावा अकाउंटिंग धोखाधड़ी और शेयर हेराफेरी के आरोप भी लगाए गए थे।

हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली थी और अदाणी ग्रुप की कंपनियों का मार्केट कैप एक समय पर लाखों करोड़ रुपये घट गया था। इसने राजनीतिक हलकों से लेकर वित्तीय बाजार तक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था।

हालांकि लंबी जांच के बाद सेबी ने साफ कहा है कि इन आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी। आदेश में लिखा गया कि उपलब्ध साक्ष्य आरोपों को साबित नहीं करते, इसलिए अदाणी समूह और इसके प्रमुखों पर किसी प्रकार की कार्रवाई का सवाल ही नहीं उठता।

इस फैसले से न केवल अदाणी ग्रुप को बड़ी राहत मिली है, बल्कि निवेशकों का भरोसा भी मजबूत हुआ है। अब माना जा रहा है कि समूह के शेयरों और कारोबार पर इसका सकारात्मक असर देखने को मिलेगा।

Advertisements
Advertisement