विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अध्यक्ष आलोक कुमार ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) द्वारा वक्फ कानून संशोधन के विरोध में आंदोलन की घोषणा पर चिंता जताई है। AIMPLB ने 3 अक्टूबर को दुकानों को बंद रखने और राष्ट्रपति भवन के सामने प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, साथ ही विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ज्ञापन सौंपने का निर्णय भी लिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आलोक कुमार ने कहा कि मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है, ऐसे में अचानक आंदोलन छेड़ना सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बन सकता है।
अलोक कुमार ने हाल के दिनों में हुई हिंसक घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि 5 सितंबर से अब तक कई जगहों पर हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि भारत बंद जैसे आयोजन अक्सर जबरदस्ती और हिंसा की संभावना बढ़ा देते हैं। इसलिए सभी संगठनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण हो। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से भी आग्रह किया कि वे हर प्रकार की स्थिति से निपटने की तैयारी अभी से करें। साथ ही समाज से अपील की कि केवल सरकार पर निर्भर न रहें, बल्कि संवैधानिक रूप से किसी भी गलत घटना को रोकने में सहयोग करें।
धार्मिक पोस्टरों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी धार्मिक कार्यक्रम में इस्लाम धर्म के लोग ‘I Love Muhammad’ के पोस्टर लगाते हैं तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर इन पोस्टरों के बहाने आपत्तिजनक बयान या हंगामा किया जाए तो यह सही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘I Love Mahadev’ का नारा ‘I Love Muhammad’ के जवाब में नहीं है और इसे उसके जवाब के रूप में देखा जा रहा है, ऐसा नहीं है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आलोक कुमार ने कहा कि हिंदू हिंसक नहीं हो सकता। उनका कहना था कि हिंदू पृथ्वी, वनस्पति और सभी प्राणियों के लिए प्रार्थना करता है और उसे हिंसक दिखाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अब हिंदू फोबिया जैसी स्थिति पैदा हो गई है, जिसे बढ़ावा देना ठीक नहीं है।
आलोक कुमार का संदेश साफ है कि किसी भी विवाद या आंदोलन में शांति और सामाजिक सौहार्द को बनाए रखना सबसे जरूरी है, और हिंसा या भड़काऊ बयानों से बचना हर संगठन और नागरिक की जिम्मेदारी है।