मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित महाराजा यशवंतराव (एमवाय) अस्पताल में चूहों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा घटना में शिशु वार्ड में भर्ती दो नवजातों पर चूहों ने हमला कर दिया, जिसमें एक शिशु की मौत हो गई। यह मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
जानकारी के अनुसार, अस्पताल की दीवारों और नींव में चूहों ने 10 हजार से ज्यादा बिल बना लिए हैं। कई बार बड़े स्तर पर अभियान चलाकर चूहों को मारने की कोशिश की गई। दावा किया गया कि अब तक 12 हजार से ज्यादा चूहे मारे जा चुके हैं, लेकिन उनके आतंक में कोई कमी नहीं आई है। यही वजह है कि मरीज और उनके परिजन लगातार दहशत में रहते हैं।
ताजा मामले में, आईसीयू वार्ड में भर्ती दो नवजात शिशुओं को चूहों ने बुरी तरह घायल कर दिया। एक बच्चे का हाथ कुतरा गया, जबकि दूसरे के कंधे पर गहरे जख्म हो गए। इलाज के दौरान एक नवजात ने दम तोड़ दिया। घटना सामने आने के बाद पूरे शहर में आक्रोश फैल गया और सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा तेजी से वायरल हो गया। एक वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जिस बॉक्स में नवजात रखे जाते हैं, उसी में चूहे घूम रहे हैं।
लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन चूहों पर काबू पाने में नाकाम साबित हुआ है। हर दिन हजारों मरीज इस सरकारी अस्पताल में आते हैं, लेकिन व्यवस्थाओं की पोल बार-बार खुल रही है। एक मरीज ने कहा कि यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि पूरे स्वास्थ्य सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर अरविंद घनघोरिया ने जांच समिति गठित की है। लापरवाही बरतने वाली दो नर्सों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि दो अन्य को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। अस्पताल में तैनात पेस्ट कंट्रोल टीम पर भी एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
यह घटना न केवल प्रशासन की विफलता को उजागर करती है, बल्कि मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।