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इंदौर में हेलमेट अनिवार्यता का आदेश समाप्त, अब जागरूकता पर जोर

इंदौर में दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट पहनने की अनिवार्यता का आदेश अब समाप्त कर दिया गया है। यह आदेश 30 जुलाई को जारी किया गया था और 1 अगस्त से 29 सितंबर तक लागू था। नए कलेक्टर शिवम वर्मा ने इसे आगे नहीं बढ़ाया, जिसके बाद प्रशासन ने सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता फैलाने पर जोर देने का निर्णय लिया है।

पहले आदेश के तहत पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट वाले चालकों को ईंधन नहीं दिया जाता था। इसका उद्देश्य सड़क हादसों में सिर की चोट से बचाव करना था। आदेश लागू होने के दौरान कई पंपों पर सख्ती की गई और पांच पंपों को सील किया गया। इसके अलावा सरकारी कार्यालयों में भी हेलमेट पहनने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जाता था, जबकि बिना हेलमेट आने वालों को प्रवेश नहीं दिया जाता था।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे ने इस आदेश की सिफारिश की थी। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने निर्देश जारी किए थे। आदेश के दौरान हेलमेट न पहनने को लेकर कई विवाद भी हुए। चंदन नगर और छोटा बांगड़दा में कुछ युवाओं ने पेट्रोल पंप कर्मचारियों से मारपीट की और आग की तीली फेंकी।

अब हेलमेट पहनने के लिए सख्ती खत्म होने के बाद प्रशासन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा। इन कार्यक्रमों के तहत लोगों को हेलमेट पहनने के फायदे और सड़क सुरक्षा में इसके महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि लोगों को सुरक्षित रहने के लिए स्वयं जागरूक होना चाहिए।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देगा, लेकिन इसका वास्तविक असर नागरिकों की जागरूकता पर निर्भर करेगा। हेलमेट पहनना केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है।

अब इंदौर में दोपहिया चालक बिना हेलमेट पेट्रोल पंपों से ईंधन ले सकते हैं, लेकिन प्रशासन का प्रयास रहेगा कि हेलमेट पहनने की आदत लोगों में विकसित हो। जागरूकता कार्यक्रमों के जरिए यह संदेश फैलाया जाएगा कि सड़क पर सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है।

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