कोलकाता के लॉ कॉलेज में छात्रा के साथ हुए गैंगरेप केस में मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा के शरीर पर ताजे नाखूनों और खरोंच के निशान पाए गए हैं. डॉक्टरों की शुरुआती मेडिकल रिपोर्ट में पाए गए ये निशान वही हैं, जो पीड़िता द्वारा विरोध के दौरान लगाए गए थे. पुलिस सूत्रों ने भी इसकी पुष्टि की है कि मोनोजीत के शरीर पर पाए गए चोट साफ संकेत देते हैं कि छात्रा ने यौन उत्पीड़न के दौरान जमकर प्रतिरोध किया था.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ”ये ताजा खरोंच के निशान हैं, जो आमतौर पर तब लगते हैं जब कोई अपने ऊपर हो रहे हमले का प्रतिवाद करता है.” इस केस की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने जब आरोपियों के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच की, तो एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ. वारदात के अगले ही दिन सुबह मोनोजीत मिश्रा ने कॉलेज की उप-प्राचार्य डॉ. नयना चटर्जी से फोन पर बात की थी.
एक आईपीएस अधिकारी ने बताया, ”हमने डॉ. नयना चटर्जी से दो बार पूछताछ की है. उनका नाम कॉल डिटेल में सामने आया है. जांच में यह समझना बेहद जरूरी है कि अपराध के बाद अगले दिन इन दोनों के बीच किस बारे में बातचीत हुई थी.” एसआईटी ने इस घटना से जुड़ा एक अहम सबूत एकत्र किया है. ये एक मेडिकल स्टोर की सीसीटीवी फुटेज है, जहां से एक आरोपी जैब अहमद ने पीड़िता के लिए इनहेलर खरीदा था.
पुलिस ने फार्मेसी के मालिक का बयान भी दर्ज कर लिया है. उसके मुताबिक, जैब ने पहले कम पैसे देने की कोशिश की, लेकिन जब फार्मेसी ने ऐसा करने से मना किया, तो पूरी रकम ऑनलाइन ट्रांसफर की गई. ये पूरी गतिविधि रिकॉर्ड में दर्ज है. पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया था कि उसके साथ हुई हैवानियत के दौरान वो आरोपियों से अस्पताल जाने की गुहार लगाती रही, लेकिन उन लोगों ने उसकी एक न सुनी.
अंततः जब उसकी सांसें उखड़ने लगीं, तो उसने इनहेलर की मांग, जिसे बाद में जैब ने लाकर दिया. लेकिन इसके बाद उसके साथ फिर से बर्बरता शुरू हो गई. जांच अधिकारियों ने कॉलेज परिसर के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करते हुए 16 लोगों की पहचान की है, जो वारदात के दिन यानी 25 जून की शाम घटना स्थल के आसपास मौजूद थे. इनमें से छह छात्रों से पूछताछ की गई है. बाकी से पूछताछ जारी है.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ”हम जानना चाहते हैं कि इन लोगों ने उस दिन क्या देखा या सुना. हमें घटना से पहले और बाद की गतिविधियों की कड़ी जोड़नी है.” पुलिस ने पुष्टि की है कि पीड़िता की शिकायत, आरोपी के मेडिकल परीक्षण और घटनास्थल से मिले डिजिटल सबूत, तीनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं. इससे जांच को निर्णायक दिशा मिल रही है. मंगलवार को पुलिस ने सभी गिरफ्तार आरोपियों कोर्ट में पेश किया.