भोपाल में नवरात्रि शुरू होने से पहले ही गरबा आयोजन को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने गैर हिंदुओं को गरबा से दूर रहने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति गरबा में शामिल होना चाहता है, तो उसे सनातन धर्म अपनाना होगा। इसके लिए तुलसी पत्र खिलाकर और गंगाजल पिलाकर उनका हिंदू धर्म में स्वागत किया जाएगा।
रामेश्वर शर्मा ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि अगर किसी को लगता है कि उनके माता-पिता ने धर्म बदलकर गलती की और वे गलत धर्म में पैदा हुए हैं, तो ऐसे लोग हिंदू बनकर गरबा में आ सकते हैं। उन्होंने साफ किया कि गरबा में आने वालों को माथे पर तिलक लगाना चाहिए, देवी का प्रसाद ग्रहण करना चाहिए, आरती करनी चाहिए और धोती-कुर्ता पहनना चाहिए। तभी उनका स्वागत किया जाएगा।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति हिंदू रीति-रिवाजों को मानकर आता है तो उसका स्वागत है, लेकिन अगर कोई हमारी बहन-बेटियों को परेशान करने की नीयत से आता है, तो उसके साथ ऐसा सलूक किया जाएगा जिसे वह जिंदगीभर याद रखेगा।
गौरतलब है कि नवरात्रि पर होने वाले गरबा आयोजनों में गैर हिंदुओं की भागीदारी को लेकर पिछले कुछ वर्षों से विवाद गहराता रहा है। विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठन इसे मतांतरण और लव जिहाद से जोड़कर विरोध करते आए हैं। इस बार भी कई संगठनों ने प्रशासन को पत्र सौंपकर गैर हिंदुओं की एंट्री रोकने की मांग की है।
रामेश्वर शर्मा के इस बयान से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दल इसे समाज को बांटने वाली राजनीति करार दे रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थक इसे सांस्कृतिक परंपराओं की रक्षा बताकर सही ठहरा रहे हैं। नवरात्रि की शुरुआत से पहले आए इस बयान ने गरबा आयोजनों को लेकर सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन की चिंताएं भी बढ़ा दी हैं।