अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा युद्ध को समाप्त करने के लिए 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव को लेकर उन्होंने हमास को सख्त चेतावनी दी है। ट्रंप ने कहा है कि हमास को इस योजना पर हस्ताक्षर करने के लिए तीन से चार दिन का समय दिया गया है। अगर संगठन ने समझौते को स्वीकार नहीं किया तो इसके गंभीर और दर्दनाक नतीजे होंगे।
ट्रंप ने दावा किया कि इस शांति योजना पर इजरायल, अरब देशों और मुस्लिम राष्ट्रों ने पहले ही सहमति जता दी है। उन्होंने कहा, “सभी अरब देश, सभी मुस्लिम देश और इजरायल इस पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। अब सिर्फ हमास की प्रतिक्रिया का इंतजार है। अगर वह तैयार नहीं होता तो परिणाम बेहद कठोर होंगे।”
इस प्रस्ताव में गाजा में चल रहे युद्ध को तत्काल रोकने, हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की 72 घंटों में रिहाई और क्षेत्र में स्थायी शांति बहाल करने की शर्तें शामिल हैं। ट्रंप ने इसे गाजा और पूरे मध्य-पूर्व के लिए निर्णायक योजना बताया है।
दूसरी ओर, फिलिस्तीन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमास ने इस मसले पर अपने राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व से विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। अधिकारी के मुताबिक, यह मामला जटिल है और चर्चा में कई दिन लग सकते हैं।
ट्रंप की इस पहल को कई देशों का समर्थन भी मिला है। भारत, चीन और रूस के अलावा जॉर्डन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, तुर्किए, सऊदी अरब और मिस्र ने इस योजना का स्वागत किया है। इन देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान जारी कर युद्ध को समाप्त करने, गाजा के पुनर्निर्माण और फिलिस्तीनी नागरिकों के विस्थापन को रोकने पर जोर दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह शांति योजना अगर सफल होती है तो न सिर्फ गाजा में जारी युद्ध का अंत होगा बल्कि लंबे समय से चल रहे इजरायल-फिलिस्तीन विवाद को सुलझाने की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। हालांकि अब सबकी नजर हमास की प्रतिक्रिया पर टिकी है।