गेम्सक्राफ्ट ने 120 कर्मचारियों को दिखाया बाहर का रास्ता, रियल मनी गेम्स पर प्रतिबंध का बड़ा असर

बेंगलुरु स्थित गेमिंग कंपनी गेम्सक्राफ्ट ने रियल मनी गेम्स पर लगे प्रतिबंध के बाद बड़े स्तर पर छंटनी की है। कंपनी ने करीब 120 कर्मचारियों को बाहर कर दिया है। यह फैसला सरकार द्वारा हाल ही में लिए गए उस कदम के बाद लिया गया है, जिसमें रमी, पोकर और अन्य रियल मनी गेम्स पर रोक लगा दी गई थी।

गेम्सक्राफ्ट लंबे समय से रमी कल्चर जैसे गेम्स चला रही थी। कंपनी का बिज़नेस मॉडल इन खेलों पर आधारित था, जहां खिलाड़ी पैसे लगाकर हिस्सा लेते थे। लेकिन सरकार के फैसले ने पूरे सेक्टर की दिशा बदल दी है। इस प्रतिबंध के चलते कंपनी का मुख्य कारोबार ठप हो गया और कर्मचारियों की संख्या घटाने का दबाव बन गया।

सूत्रों के अनुसार, गेम्सक्राफ्ट के पास करीब 450 कर्मचारी थे, जिनमें से 120 को नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। कंपनी ने इसे बिज़नेस रीस्ट्रक्चरिंग का हिस्सा बताया है। कंपनी का कहना है कि यह फैसला आसान नहीं था, लेकिन मौजूदा हालात में यह कदम उठाना जरूरी हो गया। प्रभावित कर्मचारियों को सेवरेंस पैकेज और नौकरी तलाशने में मदद दी जाएगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह छंटनी केवल शुरुआत हो सकती है। रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री में कई और कंपनियां इसी तरह के संकट का सामना कर रही हैं। पहले ही कई स्टार्टअप्स ने अपने प्लान रोक दिए हैं और निवेशकों ने भी हाथ पीछे खींचना शुरू कर दिया है।

उद्योग से जुड़े जानकारों का कहना है कि अगर आने वाले समय में सरकार की पॉलिसी में ढील नहीं दी गई, तो और भी कंपनियां बंद होने की कगार पर पहुंच सकती हैं। रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री करोड़ों के कारोबार वाली मानी जाती थी और इसमें हजारों लोग सीधे-सीधे रोजगार से जुड़े थे। लेकिन प्रतिबंध ने इस सेक्टर को अनिश्चितता में डाल दिया है।

कंपनी प्रबंधन का कहना है कि वह अब अपने बिज़नेस मॉडल को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिश करेगी। हालांकि, फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती उन कर्मचारियों के सामने है जिन्हें अचानक नौकरी गंवानी पड़ी है। यह फैसला उनके करियर और आर्थिक स्थिति पर गहरा असर डाल सकता है।

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