छत्तीसगढ़। 2018 में छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्स (CAF) में 1786 पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी, लेकिन 417 कैंडिडेट्स अब तक वेटिंग में हैं। भर्ती के सात साल बाद भी इन युवाओं को नौकरी नहीं मिली है, जबकि CAF में 3,000 से ज्यादा पद रिक्त हैं। इन कैंडिडेट्स ने पिछले वर्षों में विभिन्न सरकारी अधिकारियों और केंद्रीय गृहमंत्री को भी पत्र लिखकर अपनी स्थिति बताई, लेकिन उन्हें कोई समाधान नहीं मिला।
कैंडिडेट्स का कहना है कि नौकरी नहीं मिलने की वजह से उन्हें घर चलाने के लिए मजदूरी करनी पड़ी। कई अब खेती कर रहे हैं, तो कुछ एक शहर से दूसरे शहर भटक रहे हैं। वेतन पाने और कैरियर बनाने की उम्मीद में ये लोग लगातार संघर्षरत हैं, लेकिन शासन की अनदेखी और भर्ती प्रक्रिया में देरी ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
गृहमंत्री विजय शर्मा से मिलने गए कैंडिडेट्स को आश्वासन मिला कि सरकार कोर्ट के फैसले के अनुसार कार्रवाई करेगी, लेकिन उन्होंने स्वयं कोई ठोस कदम नहीं उठाया। कैंडिडेट्स में निराशा है कि जो उम्मीद सरकार से थी, वह पूरी नहीं हुई। कई अभ्यर्थियों की उम्र अब 36 से 40 साल के बीच हो गई है और वे अब किसी भर्ती के लिए योग्य नहीं हैं।
पुलिस बल में भी भारी रिक्तियां हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस बल में कुल 83,259 स्वीकृत पदों में से केवल 65,439 जवान कार्यरत हैं। 17,820 पद लंबे समय से खाली हैं। इसमें IPS, DSP, इंस्पेक्टर, हेड कॉन्स्टेबल और कॉन्स्टेबल सहित कई महत्वपूर्ण पद शामिल हैं। रिक्त पदों के कारण अपराधों की जांच प्रभावित हो रही है और वर्तमान जवानों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है।
CAF और पुलिस बल में भर्ती प्रक्रिया में लगातार देरी से न केवल युवाओं का करियर प्रभावित हुआ है, बल्कि राज्य में सुरक्षा और कानून व्यवस्था भी कमजोर हुई है। अब भी यदि सरकार वेटिंग लिस्ट के उम्मीदवारों को रिक्त पदों पर भर्ती कर देती है, तो युवाओं की बेरोजगारी कम की जा सकती है और पुलिस बल की क्षमता भी बढ़ाई जा सकती है।
कैंडिडेट्स की यह स्थिति राज्य में लंबे समय से चल रही भर्ती प्रक्रिया की खामियों और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है। भर्ती नहीं होने से न केवल योग्य युवा बेरोजगार हैं, बल्कि ओवर एज होने के कारण भविष्य में भी उनकी भर्ती की संभावना समाप्त हो जाएगी।