मध्य प्रदेश में टेलीमेडिसिन सेवा दूरदराज क्षेत्रों के मरीजों के लिए नई उम्मीद बनकर सामने आई है। झाबुआ की एक महिला लंबे समय से पेट दर्द की शिकायत लेकर स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा कर रही थी, लेकिन वहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी के कारण सही इलाज नहीं हो पा रहा था। इसी बीच एमवाय अस्पताल इंदौर में शुरू हुई टेलीमेडिसिन सुविधा ने उसकी जिंदगी बदल दी।
ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से टेली कंसल्टेशन किया गया और विशेषज्ञ डॉक्टरों ने महिला के लक्षण देखकर यह अपेंडिक्स का केस बताया। इसके बाद उसे एमवायएच बुलाया गया और समय पर ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई गई। महिला अब पूरी तरह स्वस्थ है।
जून महीने में शुरू हुई इस टेलीमेडिसिन सेवा से रोजाना दूरदराज गांवों के मरीज लाभ ले रहे हैं। इस सुविधा के तहत मरीजों को सीधे इंदौर आने की जरूरत नहीं पड़ती। यदि आवश्यक हो, तो विशेषज्ञ वीडियो कॉलिंग के माध्यम से मरीज की जांच कर उन्हें अस्पताल आने की सलाह देते हैं।
एमवाय अस्पताल में टेलीमेडिसिन सेवा से हर माह करीब 300 कॉल आते हैं। ये कॉल अधिकतर छोटे गांवों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से आते हैं, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी होती है। धार, अलीराजपुर और आसपास के जिलों के 100 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों को ई-संजीवनी पोर्टल से जोड़ा गया है। इन केंद्रों के डॉक्टर और नर्स मरीजों की प्रारंभिक जांच कर टेली कंसल्टेशन के माध्यम से इंदौर के विशेषज्ञों से सलाह लेते हैं।
इस सेवा के कारण पहले सीधे इंदौर रैफर किए जाने वाले मरीज अब वीडियो कॉलिंग के माध्यम से विशेषज्ञ की देखरेख में इलाज पा रहे हैं। धार में एक किशोर को लगातार खांसी और सांस की तकलीफ थी। स्थानीय केंद्र में दवा से राहत नहीं मिली, लेकिन टेली कंसल्टेशन से अस्थमा की समस्या पहचानी गई और उचित दवा मिलने से स्थिति सुधरी। इसी तरह, अलीराजपुर के एक बुजुर्ग को तेज सिर दर्द और चक्कर की समस्या टेलीमेडिसिन से समय पर पहचान कर नियंत्रित की गई।
एमवाय अस्पताल में टेली कंसल्टेशन के लिए विशेषज्ञ हमेशा उपलब्ध रहते हैं और जरूरत पड़ने पर मरीज को बुलाकर उपचार भी किया जाता है। इस पहल से दूरदराज के गांवों में इलाज की पहुंच बढ़ी है और मरीजों को बार-बार शहर आने की परेशानी से मुक्ति मिली है।