लासपुर में तीज पर्व पर वाहन चेकिंग के दौरान महिलाओं और उनके परिजनों को रोककर वसूली करने वाले हिर्री थानेदार को निलंबित कर दिया गया है। शुरू में जब मामला सामने आया तो पुलिस अफसरों ने टीआई का बचाव किया, लेकिन मामला डीजीपी तक पहुंचा। डीजीपी अरुण देव गौतम ने कड़ी नाराजगी जताई, जिसके बाद एसएसपी रजनेश सिंह ने कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी अवनीश पासवान को निलंबित कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, तीज और गणेशोत्सव को देखते हुए एसएसपी ने शहर और आसपास के इलाकों में वाहन चेकिंग के निर्देश दिए थे। साथ ही यह भी कहा था कि महिलाओं और बुजुर्गों के साथ शालीनता से व्यवहार किया जाए। इसके बावजूद हिर्री क्षेत्र में भोजपुरी टोल प्लाजा के पास पुलिस टीम ने मायके जा रही तिजहारिन महिलाओं और उनके परिजनों को रोककर पूछताछ की और जुर्माना वसूला। इससे महिलाएं और उनके परिवार परेशान होते रहे, जबकि तेज रफ्तार गाड़ियां पुलिस को चकमा देकर निकलती रहीं।
जांच के दौरान महिलाएं पुलिस से निवेदन करती रहीं, कई लोगों ने हाथ जोड़कर गुजारिश भी की, लेकिन पुलिस ने कोई रियायत नहीं दी। इस दौरान टीआई पासवान सरकारी वाहन में बैठे रहे और अधीनस्थों को कार्रवाई करते देखते रहे।
शिकायतें बढ़ने पर जब मामला ऊपर तक गया तो पहले अफसरों ने टीआई का बचाव किया और कहा कि किसी को परेशान नहीं किया गया है। लेकिन डीजीपी के संज्ञान लेने के बाद सख्ती बरती गई और एसएसपी ने तत्काल सस्पेंशन का आदेश जारी किया।
इस पूरे प्रकरण ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है। डिप्टी सीएम अरुण साव के समर्थकों ने दावा किया है कि उनकी पहल पर तिजहारिन बहनों को परेशान करने वाले टीआई पर कार्रवाई हुई। समर्थकों ने इसका प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया पर भी शुरू कर दिया है।
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस कार्यप्रणाली और त्योहारों के दौरान की जाने वाली चेकिंग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि नागरिकों के सम्मान से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।