रायपुर नगर निगम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उनके पाटन सदन स्थित सरकारी बंगले का प्रॉपर्टी टैक्स 7,258 रुपए जमा करने का डिमांड नोटिस जारी किया है। इस नोटिस को भूपेश बघेल ने अवैध करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखते हुए कहा कि शासकीय आवास पर संपत्ति कर नहीं लगता और पाटन सदन को उन्होंने पौने दो साल पहले ही खाली कर दिया था। इसके बावजूद नोटिस भेजा गया।
भूपेश बघेल ने व्यंग्यात्मक लहजे में लिखा कि भले ही यह नोटिस अवैध है, लेकिन मैं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी की इच्छा पूरी करूंगा और यह राशि अदा करूंगा। उन्होंने आगे कहा कि सरकार को यह भी ध्यान रखना होगा कि मुख्यमंत्री का कुनकुरी सदन भी टैक्स के दायरे में आएगा।
इस मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी नेताओं ने कहा कि नगर निगम का यह कदम पूर्वाग्रह से भरा है और सिर्फ राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। कांग्रेस का कहना है कि बघेल ने पाटन सदन बहुत पहले खाली कर दिया था, ऐसे में टैक्स का नोटिस भेजना पूरी तरह अनुचित है।
भूपेश बघेल ने नोटिस की प्रति भी सोशल मीडिया पर साझा की, जिससे इस मुद्दे ने और तूल पकड़ लिया। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्षी नेताओं को परेशान करने के लिए प्रशासनिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। वहीं, भाजपा खेमे का मानना है कि नगर निगम का यह कदम नियमों के अनुसार है और इसमें राजनीति देखने की आवश्यकता नहीं है।
फिलहाल यह मामला राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। एक ओर कांग्रेस इसे पूर्वाग्रह का प्रतीक बता रही है, तो दूसरी ओर सरकार इस पर सफाई देने की तैयारी में है। इस नोटिस के जरिए प्रदेश की राजनीति में नया विवाद खड़ा हो गया है।