जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला को उनकी बिगड़ी तबीयत के कारण श्रीनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 87 साल के अनुभवी नेता की सेहत पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं थी, जिसके चलते उन्हें मेडिकल सलाह के बाद अस्पताल में एडमिट कराया गया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने बताया कि अब्दुल्ला की हालत में सुधार हो रहा है और उन्हें आज या कल छुट्टी मिल सकती है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस सप्ताह की शुरुआत में फारूक अब्दुल्ला को पेट में संक्रमण हुआ था। उन्हें निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। पार्टी के एक नेता ने कहा कि हाल ही में उनकी तबीयत में गिरावट देखी गई, लेकिन वर्तमान में स्वास्थ्य में हल्का सुधार हुआ है।
फारूक अब्दुल्ला का जन्म 21 अक्टूबर 1937 को श्रीनगर में हुआ। वे जम्मू-कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक नेताओं में शुमार हैं और अपनी लंबी राजनीतिक यात्रा में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। इंग्लैंड में शिक्षा पूरी करने के बाद 1975 में भारत लौटकर उन्होंने अपने पिता शेख अब्दुल्लाह की राजनीतिक विरासत संभाली। ब्रिटिश नागरिकता की वजह से उन्हें कुछ समय राजनीतिक बाधाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन बाद में भारतीय नागरिकता मिलने के बाद उन्होंने राजनीति में सक्रिय रूप से भाग लिया।
1980 में वे पहली बार सांसद चुने गए, इसके बाद उन्होंने कई बार विधायक का पद संभाला। 1982 से 83 तक उन्होंने जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य मंत्री का पद भी निभाया। 1983 में वे पहली बार मुख्यमंत्री बने और इसके बाद तीन बार इस पद पर रहे। 2009 में वे राज्यसभा के लिए चुने गए और इसी वर्ष लोकसभा चुनाव भी जीते। 31 मई 2009 से मई 2014 तक फारूक केंद्र सरकार में नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री के पद पर रहे। उनके बेटे उमर अब्दुल्ला वर्तमान में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री हैं।
पार्टी नेताओं ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला की देखभाल पूरी तरह से की जा रही है और उनकी सेहत में सुधार के साथ उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी मिलने की संभावना है। राजनीतिक गलियारे में उनके स्वास्थ्य से जुड़ी यह खबर चर्चा का विषय बनी हुई है।
स्थानीय प्रशासन और परिवार ने लोगों से अपील की है कि वे इस समय फारूक अब्दुल्ला और उनके परिवार को प्राइवेसी दें और उनका स्वास्थ्य जल्द ठीक होने की कामना करें।