मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में आतंकवादियों के हमले में असम राइफल्स के दो जवान शहीद हो गए, जबकि पांच अन्य घायल हो गए। शहीदों में छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के बालेंगा गांव निवासी रंजीत कुमार कश्यप भी शामिल हैं। रंजीत असम राइफल्स में तैनात थे और वह तीन बेटियों के पिता थे। उनकी शहादत की खबर मिलते ही पूरे परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
रंजीत के माता-पिता बुजुर्ग हैं और बेटे की शहादत ने उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से गहरे आघात में डाल दिया है। परिवार का कहना है कि रंजीत हमेशा देश सेवा में समर्पित रहते थे और उनकी बहादुरी की मिसाल दी जाएगी। शहीद के छोटे भाई और अन्य रिश्तेदार भी गांव में इकट्ठा हुए और उनके अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुट गए।
स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों ने घटनास्थल का दौरा किया और प्रभावित सैनिकों के परिजनों को तत्काल मदद और मुआवजा देने की घोषणा की। शहीद रंजीत की शहादत ने सुरक्षा बलों और ग्रामीणों को आतंकवाद के खतरों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता की याद दिलाई है।
हमले में घायल जवानों का इलाज मणिपुर के अस्पताल में चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि हमला आतंकवादियों ने असम राइफल्स के वाहन पर किया, जिसमें दोनों ओर से गोलाबारी हुई। सेना ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए आतंकवादियों को पीछे हटने पर मजबूर किया।
इस घटना ने पूरे बस्तर जिले में शोक का माहौल बना दिया है। स्कूल, मंदिर और स्थानीय संस्थानों ने शहीद रंजीत को श्रद्धांजलि देने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए। राज्य सरकार ने शहीद के परिवार को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है।
रंजीत कुमार कश्यप की शहादत देश सेवा के प्रति उनके समर्पण और बहादुरी का प्रतीक है। सुरक्षा बलों ने कहा कि ऐसे हमले देश की सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देते हैं, लेकिन जवानों की वीरता और साहस हमेशा उन्हें मजबूत बनाता है। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा और उनके परिवार के साथ हर संभव मदद की जाएगी।