भाजपा अध्ययन समिति का दावा-रामगढ़ को खदान से कोई खतरा नहीं

सरगुजा जिले के रामगढ़ पर्वत के अध्ययन के लिए भाजपा का अध्ययन दल गुरुवार को रामगढ़ पहुंचा। समिति ने प्राचीन नाट्यशाला और पर्वत के ऊपर स्थित जोगीमाड़ा का निरीक्षण किया। दल के संयोजक और पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि केते एक्सटेंशन खदान रामगढ़ से काफी दूर है और इससे क्षेत्र के पर्यावरण या सुरक्षा पर कोई प्रत्यक्ष खतरा नहीं है। उन्होंने इस अवसर पर स्थानीय लोगों और मीडिया से बात करते हुए कहा कि विपक्ष नेता TS सिंहदेव राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं और जनता को भ्रमित कर रहे हैं।

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समिति ने रामगढ़ पर्वत के आसपास पर्यावरणीय और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए अध्ययन किया। उन्होंने बताया कि खदान से संबंधित संचालन काफी दूर स्थित हैं और किसी भी प्रकार का खतरनाक प्रभाव सीधे रामगढ़ क्षेत्र पर नहीं पड़ने वाला है। शिवरतन शर्मा ने स्थानीय समुदाय को आश्वस्त करते हुए कहा कि भाजपा दल इस क्षेत्र के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को पूरी तरह सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

रामगढ़ अध्ययन दल ने क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति, खदान की दूरी और संभावित पर्यावरणीय प्रभावों का विस्तृत अवलोकन किया। दल ने स्थानीय अधिकारियों और विशेषज्ञों से जानकारी लेकर निष्कर्ष निकाला कि खदान से होने वाले कार्यों का सीधा असर रामगढ़ पर्वत और आसपास के इलाके पर नहीं है। समिति ने कहा कि यह अध्ययन रिपोर्ट जल्द ही उच्च अधिकारियों को सौंपा जाएगा।

स्थानीय लोगों से संवाद करते हुए दल ने कहा कि किसी भी खतरनाक गतिविधि या प्रदूषण की संभावना न के बराबर है। उन्होंने आश्वस्त किया कि पर्यावरण और पर्यटन के लिहाज से रामगढ़ को सुरक्षित रखा जाएगा। समिति ने यह भी कहा कि राजनीतिक आरोपों से जनता को डराने या भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है, जिसे गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।

शिवरतन शर्मा ने जोर देकर कहा कि भाजपा अध्ययन दल ने पूरी निष्पक्षता से जांच की है और सभी तथ्यों का विश्लेषण किया है। उन्होंने यह भी कहा कि रामगढ़ के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को हमेशा प्राथमिकता दी जाएगी। दल ने स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को विश्वास दिलाया कि खदान के संचालन से रामगढ़ की सुरक्षा और प्राकृतिक सौंदर्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

समिति ने यह भी संकेत दिया कि भविष्य में ऐसे अध्ययन और निरीक्षण नियमित रूप से किए जाएंगे ताकि क्षेत्र की सुरक्षा और विकास संतुलित ढंग से सुनिश्चित किया जा सके।

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