‘मैं सब्जी पर नमक की तरह हूं’, चिराग पासवान ने बिहार चुनाव से पहले BJP-जदयू को चेताया

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भाजपा-जदयू गठबंधन को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है और हर विधानसभा क्षेत्र में वे 20 से 25 हजार वोटों को प्रभावित कर सकते हैं।

चिराग पासवान ने कहा कि उन्हें बिहार में अधिक सीटें चाहिए और इसके लिए वे कड़ी लड़ाई लड़ेंगे। उन्होंने बताया कि अभी तक सीट बंटवारे की औपचारिक बातचीत शुरू नहीं हुई है, लेकिन उनकी मांग लगभग 40 सीटों की है। पासवान ने कहा, “मैं सब्जी पर नमक की तरह हूं… हर क्षेत्र में मेरे वोट प्रभावित करने की ताकत है।”

मुख्यमंत्री बनने की अफवाहों पर उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल उनकी कोई दावेदारी नहीं है। उन्होंने कहा कि उनके समर्थक उन्हें अगला मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं, लेकिन यह केवल उनके अनुयायियों की इच्छा है।

चिराग ने यह भी कहा कि अगर उन्हें गठबंधन में असहज महसूस हुआ या उनकी महत्वाकांक्षा अधिक हुई, तो उनके पास गठबंधन से अलग होने का विकल्प हमेशा मौजूद रहेगा। वे वर्तमान में बिहार में सरकार का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि केवल केंद्र में भाजपा-एनडीए के साथ हैं।

भाजपा ने चिराग पासवान को फिलहाल 25 सीटें देने का प्रस्ताव रखा है, लेकिन उनकी मांग इससे अधिक है। अगर पासवान का कोई समझौता नहीं होता, तो भाजपा को उनके वोटों की कमी का सामना करना पड़ सकता है, जबकि अधिक रियायत देने पर जदयू जैसे सहयोगी नाराज हो सकते हैं।

चिराग ने जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह केवल उनकी अपनी सरकार को फीडबैक देने का तरीका है। साथ ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी और बताया कि यह केवल चुनाव से पहले खुद को स्थिति में लाने की कोशिश है।

चिराग पासवान की यह चेतावनी बिहार चुनाव में गठबंधन समीकरणों को प्रभावित कर सकती है। उनकी सीटों की मांग और गठबंधन से अलग होने की संभावना दोनों ही भाजपा-जदयू के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती हैं। विधानसभा चुनाव में उनकी रणनीति और निर्णय बिहार की राजनीतिक तस्वीर को अहम रूप से बदल सकते हैं।

चिराग पासवान ने स्पष्ट कर दिया है कि उनके राजनीतिक इरादे मजबूत हैं और वे गठबंधन में अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए किसी भी कदम से पीछे नहीं हटेंगे। उनके इस बयान के बाद बिहार में चुनावी राजनीति और अधिक रोमांचक और जटिल हो गई है।

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