“मोदी का इंटरव्यू छापा तो ठीक नहीं होगा” अहमद पटेल ने दी थी धमकी, छापते ही सपा ने पार्टी से निकाला, शाहिद सिद्दीकी ने सुनाया उस रात का किस्सा

राज्यसभा के पूर्व सांसद और वरिष्ठ पत्रकार शाहिद सिद्दीकी ने एक मीडिया संस्थान को दिए इंटरव्यू में खुलासा किया है कि कांग्रेस के पूर्व सांसद अहमद पटेल क्यों उनसे नाराज हो गए थे? अंततः उनकी नाराजगी की वजह से उन्हें समाजवादी पार्टी से निकाल दिया गया था. हाल में नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में शाहिद सिद्दीकी के संस्मरण आई, विटनेस का विमोचन हुआ है

मदर इंडिया को समर्पित इस पुस्तक में लेखक ने राजनीतिक दिग्गजों के साथ अपने अनुभवों, पत्रकारिता और राजनीति के माध्यम से अपनी यात्रा पर विस्तार से लिखा है.

आई, विटनेस पर बातचीत करते हुए शाहिद सिद्दीकी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लिए गये साक्षात्कार का भी जिक्र किया है, जिसके प्रकाशित होने के बाद पूरे देश में प्रतिक्रिया हुई थी और समाजवादी पार्टी ने इंटरव्यू प्रकाशित होने के दो दिनों के भीतर उन्हें से निकाल दिया था.

इस इंटरव्यू में मोदी ने कहा था, “यदि मेरी सरकार ने यह (गोधरा के बाद के दंगे) किया होता, तो मुझे सार्वजनिक रूप से इस तरह फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए कि यह अगले 100 वर्षों तक एक सबक बना रहे, ताकि कोई भी ऐसा (ऐसा अपराध) करने की हिम्मत न कर सके.”

मोदी का इंटरव्यू छापने से अहमद पटेल ने किया मना

उन्होंने कहा कि 11-12 बजे मुझे अहमद भाई का फोन आया. दिल्ली वालों को यह पता है कि अहमद भाई की राजनीति रात बारह बजे के बाद शुरू होती है. उन्होंने कहा, शाहिद, कबाब खिलाओगे? उनका कबाब खिलाने का कहने का मतलब था कि उन्हें आना है. मैंने कहा-आइए. तो वे आए और बैठे और मुझसे कहा कि आपने इंटरव्यू किया है मोदी जी का. हमने कहा कि हां, हमने किया है तो. आपको बहुत जल्दी पता चल जाता है?

इस पर उन्होंने (अहमद पटेल) ने कहा कि आपको राज्यसभा में जीत कर आना है. उस समय अखिलेश नए-नए जीत कर आए थे और समाजवादी पार्टी के पास सात सीटें थीं. मुझसे वादा भी किया गया था कि मैं राज्यसभा में आऊंगा.

शाहिद सिद्दीकी ने कहा कि उसके बाद अहमद भाई कबाब भी नहीं खाए और उठकर चले गए और कहा कि आपके लिए ठीक नहीं होगा. यह इंटरव्यू छपना नहीं चाहिए. मैंने बहुत सीरियसली लिया नहीं. तीन-चार दिन में इंटव्यू आया और हंगामा हो गया और हर चैनल में दिखाया जाने लगा और उस पर चर्चा होने लगी और कुछ घंटे के भीतर मुझे समाजवादी पार्टी से निकाल दिया गया.

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