राजस्थान: तीन युवकों ने AI और चैटGPT से सीखकर बनाए नकली नोट, ऑनलाइन ठगी का भंडाफोड़

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में पुलिस ने नकली नोट बनाने वाले तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि उन्होंने एआई टूल और चैटGPT की मदद से नकली नोट बनाने की पूरी तकनीक सीखी थी। इसके बाद उन्होंने ऑनलाइन प्रिंटर और आवश्यक सामग्री खरीदकर, झालावाड़ में किराए के कमरे में नकली नोट छापना शुरू किया।

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में आसिफ अली, आदिल खान और शाहनवाज खान शामिल हैं। तीनों के पास से 500 रुपए के कई नकली नोट बरामद हुए। आसिफ अली के पास 13, आदिल के पास 6 और शाहनवाज के पास 11 नकली नोट पाए गए। सभी नोट एक ही सीरीज के थे। पुलिस ने आरोपियों के कमरे से प्रिंटर, खास किस्म का पेपर, इंक, केमिकल, हरी टेप, नकली नोट का सांचा और वाटरमार्क बनाने का लकड़ी का फ्रेम बरामद किया।

आरोपियों ने बताया कि वे नकली नोट चलाने के लिए शहर के पावटा चौक और आसपास के इलाके में छोटे दुकानदारों, रेहड़ी-ठेले लगाने वालों और कम पढ़े-लिखे लोगों को निशाना बनाते थे। वे नकली नोट देकर सामान खरीदते और असली पैसा बचा लेते थे। पुलिस ने कहा कि इस तरह के मामलों से यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल और तकनीकी विकास के साथ अपराध के नए रूप भी सामने आ रहे हैं।

पुलिस ने बताया कि गिरोह का मास्टरमाइंड आसिफ अली सिर्फ 12वीं पास है। उन्होंने नकली नोट बनाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया। इसके अलावा, उन्होंने नोट बनाने के लिए आवश्यक सभी उपकरण और सामग्री ऑनलाइन खरीदी और किराए के कमरे में इसे अंजाम दिया।

विजयपुर थानाधिकारी प्रभु सिंह चुंडावत ने कहा कि इस गिरफ्तारी से नकली नोट बनाने और ऑनलाइन ठगी के मामलों में बड़ा ब्रेक लगा है। पुलिस अब आरोपियों से आगे की जानकारी जुटा रही है कि उन्होंने कितनी बार और किस-किस इलाके में नकली नोट का उपयोग किया।

यह मामला स्पष्ट करता है कि तकनीक के सही उपयोग के साथ-साथ इसके दुरुपयोग से होने वाले अपराधों पर भी सतर्क रहना कितना जरूरी है। पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध नोट या नकली लेन-देन के मामलों की तुरंत सूचना दें।

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