रायपुर में एक युवक ने फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर होटल में ठहरने के बाद बिल का भुगतान किए बिना भाग गया। इस मामले में होटल संचालक ने आधार कार्ड पर दर्ज नंबर पर संपर्क किया, तो कॉल युवती के पास पहुंची। युवती ने यह शिकायत गंज थाना में दर्ज कराई।
शिकायतकर्ता अंकिता ने बताया कि वह तेलीबांधा इलाके में रहती हैं और 20 सितंबर को घर पर थीं। उसी दिन शाम करीब 6:30 बजे होटल रियान इन से उन्हें कॉल आया। होटल संचालक ने कहा कि उनका बिल बकाया है। अंकिता ने बताया कि उन्होंने कभी उस होटल में ठहराई ही नहीं। इसके बाद होटल संचालक ने उन्हें आधार कार्ड की फोटो कॉपी भेजी, जो अंकिता का ही था।
इस आधार कार्ड में अंकिता के पिता का मोबाइल नंबर दर्ज था। युवक ने इसी आधार कार्ड का उपयोग पहचान पत्र के रूप में किया। अंकिता ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि यह आधार कार्ड युवक के पास कैसे पहुंचा। उन्होंने आईडी कार्ड के दुरुपयोग और धोखाधड़ी के मामले में गंज थाना में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।
घटना ने यह सवाल भी खड़ा किया कि व्यक्तिगत दस्तावेजों की सुरक्षा कितनी प्रभावी है। फर्जी पहचान पत्र का उपयोग कर किसी होटल या अन्य जगह पर ठहरना और उसके बाद भुगतान न करना गंभीर धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है।
थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है। इसमें यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि युवक ने आधार कार्ड कैसे हासिल किया और उसका उद्देश्य क्या था। साथ ही होटल संचालक और अन्य संबंधित पक्षों से भी जानकारी ली जा रही है।
इस प्रकार के मामलों से यह स्पष्ट होता है कि व्यक्तिगत दस्तावेजों का संरक्षण कितना महत्वपूर्ण है। नागरिकों को अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य पहचान पत्रों को सुरक्षित रखना चाहिए। यदि किसी को ऐसा उपयोग नजर आए तो तुरंत संबंधित पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई जाए।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए युवक की पहचान कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। इस घटना के माध्यम से लोगों को अपने दस्तावेजों की सुरक्षा और ऑनलाइन व ऑफलाइन धोखाधड़ी के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।