रायपुर जिले के नवापारा से लगे पारागांव में मवेशियों पर अचानक बिजली गिरने से 27 बकरियों की मौत हो गई। यह घटना महानदी के किनारे हुई, जहाँ तीन परिवार अपने 80-90 बकरों को चराने लेकर आए थे। हादसे में सात बकरियां घायल भी हुई हैं। चरवाहों का कहना है कि वे थोड़ी दूरी पर छांव में खड़े थे, इसलिए उनकी जान बच गई।
मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों में छत्तीसगढ़ के 16 जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। जशपुर, कोरबा, रायगढ़, नारायणपुर समेत अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन क्षेत्रों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की आशंका है और कई स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र (Low Pressure Area) बना हुआ है, जिससे प्रदेश में बारिश की स्थिति बनी हुई है। पिछले 24 घंटों के दौरान बस्तर, रायपुर, दुर्ग और सरगुजा संभाग के कुछ इलाकों में मध्यम बारिश दर्ज की गई है। सोमवार को राज्य में औसत वर्षा पिछले तीन दिनों की तुलना में बेहतर रही, जिसमें चंद्रपुर में सबसे अधिक 60 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।
प्रदेश में अब तक कुल 1072.6 मिमी वर्षा हुई है। बेमेतरा जिले में 495.1 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 51% कम है, जबकि बलरामपुर में 1473.7 मिमी पानी गिरा है, जो सामान्य से 55% अधिक है। अन्य जिलों जैसे बस्तर, राजनांदगांव और रायगढ़ में वर्षा सामान्य के आसपास रही।
बिजली गिरने की घटना के पीछे प्राकृतिक कारण हैं। बादलों में मौजूद पानी और बर्फ के कण हवा से रगड़ खाते हैं, जिससे उनमें चार्ज जमा होता है। जब विपरीत चार्ज वाले बादल आपस में टकराते हैं, तो बिजली उत्पन्न होती है। आमतौर पर यह बिजली बादलों में ही रहती है, लेकिन कभी-कभी यह धरती तक पहुँच जाती है। पेड़, पानी, बिजली के खंभे और धातु के सामान कंडक्टर का काम करते हैं, जिसके संपर्क में आने से लोग या जानवर बिजली की चपेट में आ सकते हैं।
हालांकि, पिछले तीन दिनों से राज्य में बारिश नहीं होने के कारण रायपुर सहित अन्य जिलों में गर्मी और उमस बढ़ गई है। बीच-बीच में हल्की फुहारें या रिमझिम बारिश जारी रहने की संभावना है। किसानों और ग्रामीणों को अपने पशुओं और घरों की सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।