रोहिणी आचार्य ने X अकाउंट पर किया बड़ा बदलाव

लालू प्रसाद यादव की बेटी और राजद परिवार की सदस्य रोहिणी आचार्य ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट में बड़ा बदलाव किया है। उन्होंने अचानक अपने अकाउंट से 58 प्रमुख राजनेताओं को अनफॉलो कर दिया। यह कदम सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बन गया है और राजनीतिक हलकों में भी इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार, रोहिणी ने जिन नेताओं को अनफॉलो किया है, उनमें विभिन्न पार्टियों के वरिष्ठ नेता और वर्तमान सांसद शामिल हैं। हालांकि उन्होंने किसी प्रकार का औपचारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनकी इस कार्रवाई को कुछ राजनीतिक संकेतों के रूप में देखा जा रहा है। सोशल मीडिया विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से रोहिणी आचार्य अपने ऑनलाइन प्रेजेंस और राजनीतिक संदेश को लेकर अधिक नियंत्रण रखना चाहती हैं।

विश्लेषकों के अनुसार, रोहिणी की यह कार्रवाई केवल व्यक्तिगत पसंद या रणनीतिक बदलाव का हिस्सा हो सकती है। कई राजनीतिक पंडित इसे आगामी चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं, क्योंकि सोशल मीडिया पर नेता और उनके समर्थक लगातार राजनीतिक संदेशों और गतिविधियों का आकलन करते हैं।

इस बीच, रोहिणी आचार्य के अकाउंट पर उनकी फॉलोइंग सूची में बदलाव ने उनके समर्थकों और राजनीतिक समीक्षकों की निगाहें आकर्षित कर दी हैं। सोशल मीडिया पर यूजर्स उनके इस कदम पर मिश्रित प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग इसे स्वायत्त निर्णय और व्यक्तिगत रणनीति के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे राजनीतिक संदेश के तौर पर पढ़ रहे हैं।

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर ऐसे बदलाव कई बार नेताओं की छवि और उनके राजनीतिक व्यवहार पर असर डालते हैं। रोहिणी आचार्य ने फिलहाल इस विषय पर कोई खुलासा नहीं किया है, जिससे इस कदम को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि रोहिणी के इस कदम का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव क्या होगा और उनके फॉलोइंग में बदलाव से उनके समर्थकों और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएँ कैसी होंगी।

सोशल मीडिया पर बदल रही राजनीतिक रणनीतियाँ

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नेताओं और राजनीतिक परिवारों की गतिविधियाँ अब सीधे जनता और समर्थकों तक पहुँचने का प्रमुख जरिया बन चुकी हैं। ऐसे में रोहिणी आचार्य का अकाउंट से बड़े पैमाने पर नेताओं को अनफॉलो करना यह दर्शाता है कि ऑनलाइन रणनीति और व्यक्तिगत ब्रांडिंग कितनी महत्वपूर्ण हो गई है। यह घटना यह भी स्पष्ट करती है कि सोशल मीडिया राजनीतिक संवाद में अहम भूमिका निभा रहा है।

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