रोहित शर्मीले रहे और… हिटमैन की तारीफ़ में कोच राहुल द्रविड़ को सुना क्या?

राहुल द्रविड़. टीम इंडिया के हेड कोच. द्रविड़ एक बल्लेबाज के रूप में कप्तान रोहित शर्मा के विकास से बहुत खुश हैं. द्रविड़ को लगता है कि इंग्लैंड के खिलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में रोहित से अपनी टीम को आगे से लीड किया. जियो सिनेमा से बात करते हुए द्रविड़ ने कहा कि भारतीय कप्तान को बैटिंग करते देखना हर बार बेहतरीन अनुभव था.

द्रविड़ ने प्रेशर के हालात में रोहित द्वारा राजकोट और रांची में किए प्रदर्शन को भी याद किया. वह बोले,

‘हां, यह हमेशा बेहतरीन अनुभव होता है. उन्हें बैटिंग करते देखना बेहतरीन अनुभव था. मैं उन्हें तबसे बैटिंग करते देख रहा हूं, जबक वह 18 साल के थे. उन्हें बैटिंग करते देखना आंखों को बहुत सुकून देता है. जब आप रोहित शर्मा की बात करते हैं, तो हमेशा कहा जाता है- वाह, वह कमाल दिखते हैं, यह बेहतरीन है.

लेकिन मैं सोचता हूं कि अब उन्होंने इसमें बहुत सारा दृढ़संकल्प समाहित किया है. कई बार, हम ये बात भूल जाते हैं. उनके नंबर्स देखिए, और देखिए कि उन्होंने कहां परफ़ॉर्म किया. इस सीरीज़ में भी, देखिए कि वह कब आगे आए और सामने से लीड किया. हालांकि वह थोड़े शर्मीले रहे और इस बात का ज़िक्र नहीं किया.’

 

राजकोट और रांची टेस्ट का ज़िक्र करते हुए द्रविड़ बोले,

‘राजकोट में, आप टॉस जीतते हैं और पहले घंटे में तीन विकेट खो देते हैं, आपको ऐसे व्यक्ति की जरूरत थी जो आगे आए और सेंचुरी मारे. कप्तान ने आपके लिए ये किया.

रांची टेस्ट की दूसरी पारी में, एक ट्रिकी पिच पर 192 चेज़ करते वक्त भी आपको अच्छी शुरुआत चाहिए थी. दोनों ओपनर्स ने हमें 80 रन की शुरुआत दिलाई. यहां, फिर से उन्होंने शतक मारा.’

 

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द्रविड़ ने रोहित शर्मा के मिडल ऑर्डर बैटर से टेस्ट ओपनर बनने के सफर पर भी बात की. साथ ही उन्होंने धर्मशाला टेस्ट में फ़िटनेस की चिंता के बीच रोहित की बैटिंग पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा,

‘उन्हें खेलते देखने के साथ उनका विकास देखना भी कमाल का अनुभव रहा है. मिडल ऑर्डर प्लेयर के रूप में शुरू करने के बाद टेस्ट क्रिकेट में ओपन करना आसान नहीं होता. इस सीरीज़ में जरूरत के वक्त लगातार ये कर पाना, खासतौर से आखिरी तीन टेस्ट में, ये कमाल था.

टीम के आसपास जो भी चीजें हुईं और फिर आखिरी टेस्ट में एक चोटिल पसली और कमर के साथ ऐसी परफ़ॉर्मेंस दे पाना, बेहतरीन था.’

 

इग्लैंड के खिलाफ़ रोहित ने नौ पारियों में 44.44 की ऐवरेज़ से 400 रन बनाए. इस सीरीज़ में सिर्फ़ दो भारतीय बल्लेबाज उनसे ज्यादा रन बना पाए. भारत ने पहला टेस्ट हारने के बाद ये टेस्ट सीरीज़ 4-1 से अपने नाम की.

 

 

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