डूंगरपुर: शिक्षा के क्षेत्र में समाज की भागीदारी का शानदार उदाहरण पेश करते हुए विधानसभा क्षेत्र आसपुर के साबला पंचायत समिति के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय साकरखाईया, ग्राम पंचायत वालाई में शनिवार को वीर बाला कालीबाई भील शिक्षा संकल्प पदयात्रा के तहत विशेष ’’नौतरा’’ कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम में आसपुर विधानसभा क्षेत्र के भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के विधायक उमेश डामोर सम्मिलित हुए तथा उन्होंने इस तरह के आयोजन की सराहना की.
आदिवासी परंपरा से विद्यालय को मजबूती
आदिवासी समाज की पुरानी ’’नौतरा’’ परंपरा, जो आमतौर पर सामाजिक आयोजनों में आपसी सहयोग के लिए निभाई जाती है, इस बार शिक्षा विकास के लिए अपनाई गई. इस अवसर पर आदिवासी समाज के साथ-साथ अन्य समाजों के लोग, अभिभावक और स्थानीय नागरिक बड़ी संख्या में मौजूद रहे. सबने मिलकर विद्यालय की सुविधाओं के लिए सहयोग राशि एकत्रित की.

लक्ष्य : बच्चों के लिए बेहतर शिक्षा वातावरण
इस पहल का मुख्य उद्देश्य बच्चों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का वातावरण देना है. आसपुर विधायक उमेश डामोर ने कार्यक्रम में उपस्थित होकर इस पहल की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह प्रयास अनुसूचित क्षेत्र में शिक्षा विकास की दिशा में नई सोच और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है. उन्होंने समाज के सभी वर्गों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सामूहिक सहयोग से शिक्षा की चुनौतियाँ आसानी से हल की जा सकती हैं. उन्होंने विश्वास जताया कि इस पहल से विद्यालय मजबूत होगा और विद्यार्थी शिक्षा के बल पर नई ऊँचाइयाँ हासिल करेंगे.
प्रेरणा बनेगी यह पहल
यह अभिनव प्रयोग इस बात का प्रमाण है कि यदि समाज एकजुट होकर शिक्षा को आगे बढ़ाए, तो बड़ी से बड़ी कठिनाइयों को पार किया जा सकता है. साकरखाईया विद्यालय का यह आयोजन पूरे क्षेत्र के अन्य विद्यालयों के लिए प्रेरणा बनेगा. इस अवसर पर विधायक उमेश डामोर के साथ साबला ब्लॉक अध्यक्ष हिरालाल बरोड़ बोसी, प्रधान पति मनोज डेण्डोर, बीसीसी प्रभारी शंकरलाल अहारी खाटेला, वालाई प्रशासक कालीदेवी एवं कोमेडियन अरविंद अहारी सहित समाज के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे.

बोसी में चामुंडा माता मंदिर और भेरवजी की वाड़ी विसर्जन
विधायक उमेश डामोर ने साबला ब्लॉक के ग्राम पंचायत बोसी में चामुंडा माता मंदिर और भेरवजी की वाड़ी विसर्जन कार्यक्रम में भी हजारों भक्तों, साधु-संतों और ग्रामीणजनों के बीच पहुँचकर भागीदारी निभाई. उनकी उपस्थिति से कार्यक्रम सफल और ऐतिहासिक बन गया.
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