उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें शांति पसंद नहीं है। जब भी कोई हिन्दू पर्व आता है, इन लोगों को गर्मी लगने लगती है और उनकी इस “गर्मी” को शांत करने के लिए हमें डेंटिंग-पेंटिंग करनी पड़ती है। सीएम ने स्पष्ट किया कि हर नागरिक को अपनी आस्था से त्योहार मनाने का अधिकार है, लेकिन आस्था की आड़ में तोड़-फोड़ या उपद्रव करना स्वीकार्य नहीं है।
सीएम योगी ने कहा कि यदि कोई प्रदर्शन कर उपद्रव करने की दुस्साहस करेगा, और बच्चों या महिलाओं को इसमें आगे करेगा, तो उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार हर जाति और समुदाय के लोगों को जोड़ने का काम कर रही है और किसी से भेदभाव नहीं करती। लेकिन कुछ लोग विकास के विरोधी हैं और तालिबानी या दारुल इस्लाम जैसी व्यवस्था चाहते हैं, जो भारत में स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि पहले कांग्रेस, सपा और बसपा समय में उपद्रवियों को संरक्षण देती थीं, लेकिन अब डबल इंजन की सरकार आने के बाद ऐसी छूट नहीं दी जाएगी। सीएम ने चेताया कि अगर कोई सुरक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करता है या निर्दोष नागरिकों पर हमला करता है, तो उसकी कई पीढ़ियों के लिए यह एक नजीर बनेगी।
योगी ने विशेष रूप से कहा कि माँ चंडी के पर्व के समय किसी भी तरह की आगजनी या तोड़-फोड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने यह भी दोहराया कि पर्व और त्योहारों के दौरान माहौल खराब करना स्वीकार्य नहीं है। सरकार हर नागरिक को सुरक्षा और सम्मान देती है, लेकिन उपद्रवियों को उनकी हरकतों की कीमत चुकानी पड़ेगी।
सीएम योगी का संदेश साफ है—विकास और शांति के मार्ग में किसी भी तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी को अपनी आस्था के अनुसार त्योहार मनाने का अधिकार है, लेकिन कानून और व्यवस्था के उल्लंघन करने वालों को कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।