सरगुजा के सिलसिला में दो बच्चों की रविवार दोपहर डबरी में डूबने से मौत हो गई। परिजन बच्चों का पोस्टमॉर्टम कराने रघुनाथपुर हॉस्पिटल पहुंचे। यहां परिजनों ने आरोप लगाया कि पोस्टमॉर्टम के लिए 10-10 हजार रुपए मांगे गए।
साथ ही उन्हें शव वाहन नहीं मिला तो बाइक से ही शव लेकर वे गांव तक गए। हालांकि, बीएमओ ने परिजनों के पैसे मांगने वाले आरोप को गलत बताया है। साथ ही कहा कि, परिजन जल्दी में थे और खुद शव को ले जाना चाहते थे।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, रघुनाथपुर पुलिस चौकी के सिलसिला में रविवार दोपहर दो बच्चे ट्यूबवेल के पास खेल रहे थे। दोनों बच्चे खेलते हुए ट्यूबवेल के सोखता गड्ढे में गिर गए और डूब गए। करीब दो घंटे बाद परिजन उन्हें खोजते हुए मौके पर पहुंचे, तब तक दोनों बच्चों की मौत हो गई थी।
एक बच्चे का नाम सूरज गिरी पिता विनोद गिरी (5 साल) और दूसरे बच्चे का नाम जुगनू गिरी पिता शिवा गिरी वर्ष (5 साल) है।
हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम नहीं कराया, आज फिर पहुंचे
दोनों बच्चों को बाइक से लेकर परिजन रघुनाथपुर हॉस्पिटल पहुंचे। हॉस्पिटल में दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया। सूचना पर पुलिस पहुंची और मर्ग कायम किया। बताया जा रहा है कि, बच्चों के परिजनों ने शवों का पोस्टमॉर्टम करने से मना कर दिया।
वे रविवार को बाइक से ही शव लेकर वापस घर चले गए। इसके बाद पंचायत के सरपंच और पटवारी ने परिजनों को समझाइश दी। इसके बाद दोनों बच्चों के परिजन शवों को बाइक से लेकर हॉस्पिटल पहुंचे थे।
डॉक्टर द्वारा 10-10 हजार मांगने का आरोप
मृत बच्चों के परिजनों ने आरोप लगाया कि रघुनाथपुर हॉस्पिटल में पोस्टमॉर्टम के लिए पैसे मांगे गए। डॉ. अमन जायसवाल ने दोनों बच्चों के पोस्टमॉर्टम के लिए 10-10 हजार मांगे। कहा कि, कल पोस्टमॉर्टम कराते तो पैसे नहीं लगते।
इसके बाद स्थानीय लोगों ने लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज को इसकी जानकारी दी। विधायक की सूचना पर जनप्रतिनिधि भी मौके पर पहुंच गए। वहीं लुण्ड्रा बीएमओ डॉ. राघवेंद्र चौबे भी मौके पर पहुंचे और दोनों बच्चों को पोस्टमॉर्टम कराया।
BMO बोले- डॉक्टर ने नहीं मांगे पैसे
बीएमओ डॉ. राघवेंद्र चौबे ने बताया कि उन्होंने परिजनों से बात की तो किसी ने भी डॉक्टर द्वारा पैसे मांगने की जानकारी नहीं दी। परिजनों ने बताया कि, किसी बिचौलिए के माध्यम से यह बात आई थी। बिचौलिए ने डॉक्टर से कहा था कि बच्चों का चीर फाड़ न करें और रिपोर्ट दे दें।
इसके लिए वे 5-10 हजार जो खर्च लगेगा, देने को तैयार हैं। डॉ. चौबे ने बताया कि वे रघुनाथपुर में करीब 3 घंटे तक रहे और बिचौलिए को बुलाया लेकिन वह नहीं आया। शव को ले जाने के लिए लुण्ड्रा से वाहन मंगाने की जानकारी भी परिजन को दी गई। घर पास होने के कारण परिजन यह कहते हुए बाइक से शव ले गए कि गाड़ी जब तक पहुंचेगी, इससे पहले वे घर पहुंच जाएंगे।