मध्य प्रदेश के नागौद विकास खंड के बाबूपुर पाकर में नदी पर बना पुल बरसात में खराब हो गया है. पुल का कैचमेंट एरिया तेज बहाव में बह जाने से 10 गांवों का मुख्यालय से सीधा संपर्क टूट गया है. अब ग्रामीणों को नागौद मुख्यालय पहुंचने के लिए 20 से 25 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है.
6 महीने पहले हुआ था भूमि पूजन, ठेकेदार ने नहीं शुरू किया काम
इस जर्जर पुल की जगह नया पुल बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने करीब 2 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की थी। 6 महीने पहले राज्य मंत्री ने खुद इसका भूमि पूजन भी किया था. लेकिन, ग्रामीणों की शिकायत है कि ठेकेदार ने अब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं किया.यही लापरवाही अब ग्रामीणों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है. पुराना पुल किसी तरह आवागमन के लायक था, लेकिन इस बरसात में नदी के तेज बहाव ने पुल के एक बड़े हिस्से को बहा दिया.बड़े वाहनों की आवाजाही ठप, किसान भी परेशान.
यह पुल कौशलपुर, पिपरी, भाजीखेरा, बेलौंधा, दुर्गापुर, जैतवारा, आमा, देवरी, पनगरा और बाबूपुर पाकर जैसे गांवों के लोगों के लिए नागौद मुख्यालय तक पहुंचने का एकमात्र रास्ता था. पुल के टूटने से बड़े वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से रुक गई है. लोग जान जोखिम में डालकर सिर्फ दोपहिया वाहनों से ही आवागमन कर पा रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हो रही है, जो अपने खेतों में बुवाई के लिए जरूरी सामान भी नहीं ले जा पा रहे हैं.
लोग बोले- लापरवाही की वजह से झेलनी पड़ रही परेशानी
ग्रामीण विकास सिंह, रघुराज सिंह और कमलेन्द्र सिंह परिहार ने नाराजगी जताते हुए कहा कि, अगर ठेकेदार ने समय पर काम शुरू किया होता तो आज ग्रामीणों को यह परेशानी नहीं झेलनी पड़ती। उन्होंने प्रशासन से जल्द से जल्द पुल का निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग की है.