सूरजपुर में 100 दिन का धरना: सत्ता की उदासीनता पर ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी

सूरजपुर: सपहा गांव में न्याय और हक की लड़ाई अब 100 दिन पूरे कर चुकी है. सौ दिन से सड़क पर बैठे ग्रामीणों का आक्रोश यह दर्शाता है कि सत्ता और सिस्टम अब भी उनकी पीड़ा को गंभीरता से नहीं ले रहे. यह धरना केवल विरोध नहीं, बल्कि ग्रामीणों के धैर्य और उम्मीद की परीक्षा बन गया है. धरना स्थल पर ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के मीठे आश्वासन अब कोई असर नहीं छोड़ रहे. सौ दिन गुज़रने के बावजूद समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ. ग्रामीणों ने कहा- शासन-प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंगी.

ग्रामीण आरोप लगाते हैं कि संकट के लिए जिम्मेदार कंपनियों ने नियमों का पालन नहीं किया और प्रभावितों को राहत नहीं दी. सवाल यह है कि प्रशासन किसके साथ है जनता के या कंपनियों के? पूर्व जनपद सदस्य अभय प्रताप सिंह ने साफ चेतावनी दी कि यदि शासन-प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे. आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज हो सकता है.

धरना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों का सवाल है कि क्या लोकतंत्र में जनता की आवाज इतनी कमजोर हो गई है कि न्याय पाने में सौ दिन लग जाएँ?100 दिनों से सड़क पर बैठे लोग अब सिर्फ एक स्पष्ट और ठोस जवाब चाहते हैं.

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