दुर्ग जिला पंचायत अध्यक्ष सरस्वती बंजारे के नेतृत्व में बुधवार को 100 किलोमीटर लंबी धार्मिक पदयात्रा शुरू हुई। यह यात्रा जामुल स्थित दुर्गा मंदिर से पूजा-अर्चना के साथ आरंभ हुई और डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर तक जाएगी। इस यात्रा में 500 से अधिक महिलाएं शामिल हैं।
भारी बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। ढोल-नगाड़ों की धुन और माता के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय बना रहा। यात्रा की शुरुआत में अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा ने भी पदयात्रियों का हौसला बढ़ाया।
यात्रा मार्ग पर स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने महिलाओं का स्वागत किया। फूल बरसाए गए और जलपान की व्यवस्था की गई। प्रशासन ने सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। पुलिस और प्रशासनिक टीम पदमार्ग पर लगातार निगरानी रख रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
सरस्वती बंजारे ने बताया कि यह पदयात्रा केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है बल्कि नारी शक्ति और महिला सशक्तिकरण का संदेश भी देती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की बढ़ती भागीदारी इस यात्रा को और भी महत्वपूर्ण बनाती है।
पद्यात्रियों ने बताया कि इस यात्रा में शामिल होना उनके लिए आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक धैर्य की परीक्षा भी है। लगातार हो रही बारिश के बावजूद महिलाएं उत्साहपूर्वक पदयात्रा कर रही हैं और माता के जयकारे लगाकर आस्था का प्रदर्शन कर रही हैं।
यात्रा में भाग लेने वाली महिलाओं ने प्रशासन की ओर से किए गए सुरक्षा इंतजामों की सराहना की। स्थानीय पुलिस ने बताया कि पूरे मार्ग में विशेष सुरक्षा व्यवस्था रखी गई है और किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
यह पदयात्रा न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आयोजक और प्रशासन का मानना है कि ऐसे आयोजनों के माध्यम से महिलाओं में सामूहिक शक्ति और जागरूकता पैदा होती है।
यात्रा के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक स्थल पर श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया और उन्हें जलपान, पानी और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। इस प्रकार यह यात्रा न केवल आस्था की मिसाल बन रही है बल्कि महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सहयोग का संदेश भी दे रही है।