उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पकड़े गए फर्जी आर्मी कैप्टन के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. पूछताछ में पता चला कि वह सिर्फ 10वीं पास है. पहले आर्मी कैंट एरिया में मजदूरी करता था. फिर सेना के जाट रेजीमेंट के अधिकारियों के यहां खाना बनाने का काम (रसोइया) करने लगा. कुछ समय बरेली कैंट में भी काम किया था. जिसके चलते उसे सेना के बारे में ठीक-ठाक जानकारी हो गई थी. मगर जैसे ही उसने वर्दी पहनकर और कैप्टन बनकर लोगों को ठगना शुरू किया एक झटके में उसकी पोल पट्टी खुल गई. फिलहाल, ये फ्रॉड सलाखों के पीछे पहुंच गया है.
पुलिस की पूछताछ में पता चला कि पकड़े गए इस फ्रॉड व्यक्ति का नाम रवि कुमार है, जो शाहजहांपुर जिले के थाना सदर बाजार क्षेत्र के मऊ खास का रहने वाला है. उसने शाहजहांपुर कैंट में सेना के भोजनालय में काफी दिनों तक काम किया है. बरेली कैंट में भी कुछ दिन काम किया, जिस वजह से उसको सेना के बारे में काफी जानकारी हो गई थी. इस बीच पैसे कमाने की चाहत में रवि ने कैप्टन रैंक की वर्दी बनवाकर लोगों के काम कराने के नाम पर ठगी करना शुरू कर दिया.
इसी दौरान रवि के हाथ एक मामला आया. उसकी मुलाकात पीलीभीत निवासी चंदनलाल से हुई. रवि ने खुद को सेना में कैप्टन बताया. जिसपर चंदनलाल ने कहा कि उसके घर के दो लोग हत्या के आरोप में काफी समय से जेल में बंद है, कोई मदद हो सकती है क्या. चंदनलाल की बात सुनने के बाद रवि ने पुलिस के अधिकारियों से अच्छी जान पहचान होने का हवाला देते हुए जेल में बंद दोनों आरोपियों को जल्द छुड़वाने का भरोसा दिया और 50 हजार रुपये की मांग की.
आरोपी को जेल से छुड़वाने के बदले मांगे थे पैसे!
बताया जा रहा है कि बीते रविवार को पीलीभीत में ही रुपये देना तय हुआ था, लेकिन अचानक रवि ने चंदनलाल को रुपये लेकर निगोही (शाहजहांपुर) आने के लिए कह दिया. चंदनलाल के निगोही पहुंचने पर रवि फिर लोकेशन बदलने की बात करने लगा. ऐसे में बार-बार लोकेशन बदलने व बातचीत का लहजा भी अधिकारियों की तरह न होने पर चंदनलाल को शक हुआ. उसने फौरन निगोही चौकी पुलिस को इसके बारे में जानकारी दी. पुलिस टीम जब मौके पर पहुंचे तो रवि कैप्टन की वर्दी पहनकर एक पेड़ के नीचे बने धार्मिक स्थल के पास बाइक लेकर खड़ा था.
NDA की फुल फॉर्म भी नहीं बता पाया
दारोगा ने जब रवि से उसकी तैनाती स्थल के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वर्तमान में वह श्रीनगर में तैनात है और छुट्टी पर घर आया है. जब परिचय पत्र मांगा गया तो रवि दिखा नहीं पाया. अपने सीनियर अधिकारियों के बारे में भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका. इसके बाद जब दारोगा ने NDA की फुल फार्म पूछी तो रवि वह भी नहीं बता पाया.
ऐसे में पुलिस टीम रवि को थाने ले गई और सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारी सच्चाई बता दी. हालांकि, शुरूआत में रवि ने रौब झाड़ने की कोशिश की. मगर पुलिस के आगे फ्रॉड की एक न चली. फिलहाल, पुलिस ने सेना का फर्जी कैप्टन बनकर घूम रहे रवि को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. साथ ही आर्मी के लोगों को इसकी जानकारी दे दी है. उसके पास से एक बाइक, एक मोबाइल फोन, सेना की कैंटीन का कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आर्मी यूनिफार्म , बूट, नेमप्लेट आदि चीजें बरामद हुई हैं.