धराली में बिहार के 11 मजदूर लापता, परिजन कर रहे श्राद्ध की तैयारी; बोले- शायद ही कोई जिंदा बचा हो

।बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में उस समय हड़कंप मच गया, जब पता चला कि उत्तराखंड के धराली में बादल फटने से जिले के 11 मजदूरों की लापता हो गए है. भारी बारिश के कारण 5 अगस्त को हुए हादसे में कई लोगों की मौत हो गई है. घटना के बाद के ही सेना, NDRF, SDRF और जिला प्रशासन राहत-बचाव के काम में जुटा हुआ है. सैकड़ों लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है, लेकिन अब बहुत से लोग लापता बताए जा रहे हैं.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से एक बड़ा हादसा हो गया. पानी के साथ पहाड़ खिसकर गांव पर आ गिरा, जिससे पूरा गांव मलबे में दब गया. इस दौरान कई लोग मलबे की चपेट में आने से दब गए हैं, जिनमें से 11 लोग मजदूर बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के थे. 5 दिन बीत जाने के बाद भी मजदूर अब तक कहीं पता नहीं लगा है. पीड़ित परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. सबसे ज्यादा लापता मजदूर सरगटीया पंचायत के मगलहिया गांव के है, जिनकी संख्या 8 हैं.।l

वहीं इसके अलावा बाकी तीन लापता मजदूर घोघा पंचायत के रहने वाले बताए जा रहे हैं. पीड़ित परिजनों का कहना है कि मलबे में दबने से सभी लोगों की मौत हो गई है. हालांकि, प्रशासन ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है. बता दें कि लापता मजदूरों में एक ही परिवार के तीन लोग भी शामिल है, जिसमें देवराज शर्मा और उनके दो बेटे अनिल कुमार और सुशील कुमार का नाम है.

परिजनों ने प्रतीकात्मक रूप से किया दाह संस्कार

घटना की जानकारी देते हुए ठेकेदार ने परिजनों को बताया कि प्रशासन ने लापता मजदूर की काफी खोजबीन की, लेकिन गहरे मलबे में दबे होने के कारण अब तक उनका कहीं कुछ पता चल पाया. ठेकेदार की बातों से हताश और परेशान होकर अपने परिजनों को मृत मानकर परिवार ने प्रतीकात्मक रूप से पुतला बनाकर रविवार को दाह संस्कार कर दिया है. साथ ही अब उन लोगों ने श्राद्ध की तैयारियां भी शुरू कर दी है.

विधायक ने दिया मदद का आश्वसान

लापता मजदूरों के गांव वालों ने आरोप लगाया है कि इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद अब तक जिला प्रशासन और सरकार के लोग पीड़ित परिवार से मिलने तक नहीं आए हैं. हालांकि, क्षेत्रीय विधायक वीरेंद्र गुप्ता ने सभी परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी हैं और कहा है कि वह मुआवजे के लिए सरकार से मांग करेंगे.

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