1 घंटे में पैसे डबल…का मैसेज भेजकर 11 लाख ठगे:टेलीग्राम में इन्वेस्टमेंट के नाम पर बनाया शिकार

छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में फार्मासिस्ट से 11 लाख की ठगी हुई है। ठगों ने टेलीग्राम में इन्वेस्टमेंट का मैसेज भेजा, जिसमें 1 घंटे में रकम दोगुना होने की बात लिखी गई थी। इसी झांसे में आकर फार्मासिस्ट ने ठगों को पैसे दे डाले। मामला लखनपुर थाना क्षेत्र का है।

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मिली जानकारी के मुताबिक फार्मासिस्ट का नाम ब्रम्हा दास (32), जो केवरी गांव का रहने वाला है। पहले युवक को 3 से 4 बार डबल पैसे मिले, जिससे लालच में आकर बैंक से 11 लाख का लोन लिया। इसके बाद ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया, जिसे ठगों ने वापस नहीं किया।

अब जानिए कैसे झांसे में आया फार्मासिस्ट ?

दरअसल, मामला 26 दिसंबर 2024 का है। ब्रम्हा दास को गोल्ड कॉइंस नाम की कंपनी से मैसेज आया। उसमें बताया गया कि वह ऑनलाइन गोल्ड खरीदने-बेचने का काम करते हैं। शुरू में 8 हजार रुपए का निवेश करना होगा। उनके कहने पर ब्रम्हा दास ने फोन-पे कर दिया। उसे एक घंटे में ही 16 हजार रुपए वापस मिल गए।

पहले डबल पैसे मिले तो जमा कराई ज्यादा राशि

ब्रम्हा दास ने ठीक अगले दिन उनके बताए एक निजी खाते में 10 हजार रुपए जमा किया। उसे एक घंटे में ही 20 हजार रुपए वापस मिल गए। 27 दिसंबर को ही उसने यश बैंक के खाताधारक के अकाउंट में 21 हजार 321 रुपए जमा किया, तो उसे एक घंटे में 40 हजार रुपए वापस मिले।

इससे ब्रम्हा दास लालच में आ गया। उसने 29 दिसंबर को एक खाते में 50 हजार, फिर 10 जनवरी 2025 को एक निजी खाते में 99 हजार रुपए, 11 जनवरी को निजी खाते में 45 हजार रुपए, 31 जनवरी को 50 हजार रुपए जमा किया।

धीरे-धीरे कर रकम बढ़ाता गया युवक, लेकिन नहीं मिला वापस

इसके बाद ठगों ने और पैसे मांगे। युवक ने 31 जनवरी को 3 लाख 90 हजार रुपए RTGS कर निजी खाते में भेजा। 10 फरवरी को उसने फिर से 40 हजार रुपए, 11 फरवरी को 70 हजार और 98 हजार रुपए निजी खातों में भेजा।

12 मार्च को ठगे के दिए गए अकाउंट नंबर पर ब्रम्हा दास ने फिर से 50 हजार रुपए जमा किए। ठगों ने यह राशि अलग-अलग निजी खातों में जमा कराई। ब्रम्हा सिंह ने 18 मार्च 2025 तक कुल 11 लाख 17 हजार रुपए से अधिक की राशि ठगों के बताए निजी खातों में जमा कराया, लेकिन उसे राशि वापस नहीं मिली।

युवक ने थाने में दर्ज कराई शिकायत

इसके बाद युवक को ठगी का एहसास हुआ। ब्रम्हा दास ने इसकी शिकायत लखनपुर थाने में दर्ज कराई। रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले में धारा 318 (4) एवं आईटी एक्ट की धारा 66 डी के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

फ्रॉड के शिकार होने पर क्या करें

RBI की 2017-18 की गाइडलाइन के मुताबिक, धोखाधड़ी की सूचना दर्ज कराने के बाद ट्रांजेक्शन की पूरी जिम्मेदारी बैंक पर होती है, यदि तय प्रक्रिया के मुताबिक संबंधित बैंक को सूचित नहीं किया गया तो जिम्मेदारी उपभोक्ता की होती है। इस स्थिति में बैंक पर रिफंड करने की कानूनी बाध्यता लागू नहीं होती।

धोखाधड़ी के शिकार होने पर अपने बैंक के संबंधित अधिकारी को तुरंत सूचित करें। इसके अलावा कस्टमर केयर सेंटर पर सूचना दर्ज कराएं और दर्ज सूचना का नंबर भविष्य के लिए सुरक्षित रखें, ताकि बैंक आपके पैसे आपको रिफंड कर सके।

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