23 मिनट में तबाह हुए थे पाकिस्तान के 11 एयरबेस, सामने आई ऑपरेशन सिंदूर के एक-एक डिटेल

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. भारतीय सेना की तरफ से 7 मई को की गई एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया गया था. उसके बाद जब पाकिस्तानी सेना ने सैन्य कार्रवाई की तो भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए सिर्फ 23 मिनट में पाक के 11 एयरबेस को तबाह कर दिया था.

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पीआईबी की ओर से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, इस दौरान वायुसेना ने पाकिस्तान में इस्तेमाल किए जाने वाले चीन के एयर डिफेंस सिस्टम को पूरी तरह जैमर से जाम कर दिया था. इस ऑपरेशन में कौन से हथियार और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया. अब इसकी पूरी जानकारी सामने आई है. ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय एयरफोर्स का विशेष योगदान रहा. ऑपरेशन में एयर डिफेंस सिस्टम जैसे कि पिकोरा, ओएसए-एके और एलएलएडी बंदूकें (निम्न-स्तरीय वायु रक्षा बंदूकें) और स्वदेशी सिस्टम जैसे आकाश का शानदार प्रदर्शन रहा.

आकाश को मोबाइल पर कॉन्फिगर किया गया

आकाश एक छोटी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है जो हवाई हमलों से कमजोर क्षेत्रों और कमजोर बिंदुओं की रक्षा करती है. आकाश हथियार प्रणाली समूह मोड या स्वायत्त मोड में एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक काउंटर-काउंटर उपाय (ECCM) सुविधाएं दी गई हैं. इस पूरी हथियार प्रणाली को मोबाइल प्लेटफॉर्म पर कॉन्फिगर किया गया है.

थल सेना और वायु सेना दोनों ने मिलकर काउंटर मानवरहित हवाई प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध संपत्ति और वायु रक्षा हथियारों का एक अनूठा मिश्रण पेश किया. कंधे से दागे जाने वाले हथियार, लीगेसी वायु रक्षा हथियार और आधुनिक वायु रक्षा हथियार प्रणाली का इस्तेमाल किया गया.

ISRO का भी खास योगदान

11 मई को एक कार्यक्रम में इसरो के चेयरमैन वी नारायणन ने कहा कि देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कम से कम 10 उपग्रह लगातार 24 घंटे काम कर रहे हैं. देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश को अपने उपग्रहों के माध्यम से सेवा करनी होगी. उसे अपने 7,000 किलोमीटर के समुद्री तट पर लगातार नजर रखनी होगी.

भारत पर पाकिस्तान के हमले के ठोस सबूत सामने आए हैं. चीन की पीएल-15 मिसाइलों के टुकड़े बरामद हुए. तुर्किए के यूएवी का भी मलबा बरामद हुआ. लंबी दूरी के रॉकेट, क्वाडकॉप्टर और वाणिज्यिक ड्रोन के भी मलबे सेना को मिले हैं.

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