अमेठी में 4 महीने में 110 हादसे, 82 मौतें: अमेठी की सड़कों पर मौत का सफर, ‘राहगीर योजना’ बनी उम्मीद की किरण

अमेठी: सड़क हादसों की बात हो और अमेठी का नाम न आए, ये अब लगभग नामुमकिन सा हो गया है. अमेठी जिले में सड़क दुर्घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. अब प्रशासन और सरकार दोनों ने गंभीरता दिखाई है. केंद्र सरकार की ‘राहगीर योजना’ अब उत्तर प्रदेश में भी लागू हो गई है और इसका असर अमेठी में भी देखने को मिल सकता है.

Advertisement

 

इस योजना के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी सड़क हादसे के शिकार घायल को ‘गोल्डन आवर’ यानी पहले एक घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाता है, तो सरकार उसे 25,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि देगी. मकसद यही है कि समय पर इलाज मिले और जिंदगी बचाई जा सके. इसकी पीछे की वजह ये है कि सड़कों पर लहूलुहान होते लोगों को देखकर कई लोग आगे नहीं आते. पुलिस पूछताछ से डरते हैं, लेकिन अब सरकार की पहल से शायद तस्वीर बदले

 

तिलोई तहसील के फुरसतगंज स्थित निगोहा और अकेलवा चौराहा का नाम सामने आया. यहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं. मुसाफिरखाना में धरौली हाईवे, नागेश्वरगंज हाईवे और कस्तुनी पूरब मार्ग भी हादसों के लिए बदनाम हैं.

मुंशीगंज का चौराहा, पीपरपुर का दुर्गापुर चौराहा, गौरीगंज का अमेठी रोड, रायबरेली-सुल्तानपुर रोड, बेलखौर, साराय भागमानी, जामो, कटारी, कल्याणपुर, जनकपुर मार्ग… इन सभी जगहों पर हादसे आम हो गए हैं. कमरौली में कठौरा, रसूलपुर मार्ग और जायस के बहादुरपुर, हर करणपुर मार्ग भी इस लिस्ट में शामिल हैं. कुल मिलाकर अमेठी में ऐसे 50 से ज्यादा स्थान ब्लैक स्पॉट के तौर पर चिन्हित किए जा चुके हैं.

 

प्रशासन ने इन जगहों पर संकेत बोर्ड लगाए हैं. वहीं, आंकड़े भी डराने वाले हैं. जनवरी 2025 से लेकर अप्रैल तक अमेठी में सड़क हादसों में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है.जनवरी: 28 हादसे, 20 मौतेंफरवरी: 28 हादसे, 27 मौतेंमार्च: 27 हादसे, 19 मौतेंअप्रैल: 27 हादसे, 16 मौतें

यानि चार महीनों में 110 सड़क हादसे और 82 लोगों की मौत हो चुकी है. ये आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि अमेठी की सड़कें कितनी खतरनाक हो चुकी हैं.

सड़क सुरक्षा समिति के सदस्य प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. इन स्थानों पर बोर्ड लगाए गए हैं, स्पीड ब्रेकर भी बनाए गए हैं, लेकिन अगर लोग खुद नियमों का पालन न करें तो सब बेकार हो जाता है.

तेज रफ्तार और नशे में ना चलाएं गाड़ीउन्होंने कहा कि तेज रफ्तार और नशे में गाड़ी चलाना ही सबसे बड़ी गलती है. लोग हेलमेट नहीं पहनते, सीट बेल्ट नहीं लगाते. अगर अपनी और अपने परिवार की परवाह है, तो नियमों का पालन करें. राहगीर योजना से उम्मीद है कि अब लोग ज़रूरतमंदों की मदद करने से पीछे नहीं हटेंगे. 25 हजार रुपये प्रोत्साहन के साथ-साथ एक ज़िंदगी बचाने का सुकून भी मिलेगा.

Advertisements