ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने सफल मिशन के बाद भारत लौटकर अपने अनुभव साझा किए। दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष से भारत आज भी सबसे सुंदर दिखाई देता है। इस दौरान उनके साथ इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह मौजूद थे।
शुक्ला ने कहा कि अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव किसी भी ट्रेनिंग से अलग होता है। उन्होंने बताया कि रॉकेट के उड़ान भरने का अनुभव अविश्वसनीय होता है और अंतरिक्ष में शरीर कुछ ही दिनों में खुद को एडजस्ट कर लेता है। उन्होंने अपने मिशन को बेहद सफल बताया और कहा कि ऐसे अभियानों से जो ज्ञान मिलता है, उसे मापा नहीं जा सकता।
उन्होंने गगनयान मिशन पर भी चर्चा की। यह इसरो का महत्वाकांक्षी ह्यूमन स्पेस मिशन है जिसके तहत 2027 में भारतीय वायुसेना के तीन पायलटों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। शुक्ला ने कहा कि आज का समय बदल चुका है, बच्चे अब अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना देखने लगे हैं और यह देश के लिए सकारात्मक संकेत है।
इस दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अंतरिक्ष विज्ञान के लिए नई रणनीति बनाई है और इसमें तेजी से प्रगति की है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में भारत की स्पेस इकोनॉमी 8 मिलियन डॉलर की है और भविष्य में इसे 45 मिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुई प्रगति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दक्षिण एशियाई सैटेलाइट का निर्माण और प्रक्षेपण भारत की बड़ी उपलब्धियों में से एक है। इसके अलावा जी-20 देशों के लिए विशेष सैटेलाइट भी बनाया गया है। नारायणन ने बताया कि 10 साल पहले इस क्षेत्र में सिर्फ एक स्टार्टअप था, लेकिन अब 300 से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं।
शुभांशु शुक्ला ने अंत में कहा कि अंतरिक्ष से देखने पर भारत हमेशा सबसे खूबसूरत नजर आता है और यही उनके लिए सबसे खास अनुभव रहा। उन्होंने युवाओं से कहा कि सपने देखो, तभी अंतरिक्ष की ओर कदम बढ़ा सकोगे।