12 घंटे बाद ईरान का इजराइल पर पलटवार, 65 मिनट तक दागीं 200 मिसाइलें, 21 लोग घायल

ईरान ने अपने न्यूक्लियर प्लांट पर हमलों के जवाब में इजराइल को निशाना बनाते हुए 65 मिनट 2 बैलिस्टिक मिसाइल दागीं. इन हमलों के दौरान यरूशलम और तेल अवीव में 21 लोग घायल हो गए हैं. एजेंसी के मुताबिक, ईरान ने देश के परमाणु और सैन्य स्थलों पर इजराइल के भीषण हमलों के जवाब में यह कदम उठाया. उसने बताया कि ईरानी सेना ने इजराइल के खिलाफ अपने अभियान को सिवीर पनिशमेंट (गंभीर सजा) नाम दिया है.

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दरअसल इजराइल ने ईरान के न्यूक्लियर प्लांट और सैन्य स्थलों को निशाना बनाया था, जिसमें कम से कम तीन शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे गए. जिसके बाद से मिडिल ईस्ट के दो कट्टर विरोधियों के बीच एक युद्ध की संभावना बढ़ गई थी. यह इराक के साथ 1980 के दशक के युद्ध के बाद से ईरान पर सबसे बड़ा हमला था.

12 घंटे बाद ही इजराइल पर अटैक

बता दें, अली खामेनेई ने बदला लेने की कसम खाने के 12 घंटे बाद ही इजराइल पर अटैक कर दिया. वहीं इजराइल पर ईरानी अटैक को रोकने के लिए अमेरिका ने ताकत झोंक दी. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक इजराइल पर जो मिसाइल गिर रहे हैं, उसे रोकने में अमेरिका सहायता कर रहा है. शुक्रवार को जब इजराइल ने ईरान पर अटैक किया था, तब अमेरिका ने अपने कई फाइटर जेट की तैनाती कतर में की थी.

वॉर मिनिस्ट्री को बनाया निशाना

ईरान की समाचार एजेंसी Mehr News ने इज़राइली टीवी-13 के हवाले से बताया है कि ईरान ने इन हमलों में तेल अवीव के वॉर मिनिस्ट्री को भी निशाना बनाया है. यहीं पर वॉर की स्ट्रैटेजी तैयार की जाती है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी यहीं बैठकर युद्ध की रणनीति तैयार करते हैं

परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ा तनाव

ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ते तनाव के बीच ये हमले किए गए. वर्षों से इजराइल इस तरह के हमले की धमकी देता रहा है और अमेरिकी प्रशासन इसे रोकने का प्रयास करता रहा है, क्योंकि उसे डर है कि इससे मिडिल ईस्ट में व्यापक संघर्ष भड़क जाएगा और ईरान के मजबूत परमाणु कार्यक्रम को नष्ट करने में यह अप्रभावी होगा.

ईरान के हमले के बाद इजराइल ने क्या कहा?

ईरान की तरफ से मिसाइल लॉन्च किए जाने के बाद इजराइली सेना ने बयान जारी करते हुए कहा, कुछ समय पहले, IDF ने ईरान से इजराइल की तरफ दागी गई मिसाइलों की पहचान की थी. खतरे को रोकने के लिए डिफेंस सिस्टम काम कर रहे हैं. जनता को निर्देश दिया गया है कि वे सुरक्षित स्थान में प्रवेश करें और अगली सूचना तक वहीं रहें. सुरक्षित स्थान को केवल स्पष्ट निर्देश के बाद ही छोड़ा जा सकता है. होम फ्रंट कमांड के निर्देशों का पालन करना जारी रखें.

क्या बोले प्रधानमंत्री नेतन्याहू?

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के लोगों के लिए, हम इतिहास के सबसे महान सैन्य अभियानों में से एक, ऑपरेशन राइजिंग लायन के बीच में हैं. इस्लामी शासन, जिसने लगभग 50 साल तक आप पर अत्याचार किया है, मेरे देश, इजराइल को नष्ट करने की धमकी दे रहा है. इजराइल के सैन्य अभियान का मकसद इजराइल के लिए परमाणु खतरे और बैलिस्टिक मिसाइल खतरे को दूर करना है.

इजराइल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने कहा कि ईरान ने इजराइल में नागरिक आबादी वाले केंद्रों पर मिसाइल दागने की हिम्मत करके लाल रेखाएं पार कर ली हैं. हम इजराइल के नागरिकों की रक्षा करना जारी रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि अयातुल्ला शासन को अपने आपराधिक कृत्यों के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी पड़े.

ट्रंप और नेतन्याहू की फोन पर बातचीत

व्हाइट हाउस के अधिकारी ने बताया कि इजराइल-ईरान संघर्ष के बीच डोनाल्ड ट्रंप और नेतन्याहू ने फोन पर बात की. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि पीएम नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की. यह दो दिनों में उनकी दूसरी कॉल है, जबकि इजराइल ने ईरान पर जबरदस्त हमला किया है और तेहरान ने जवाबी कार्रवाई में बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं.

हमले के बाद ईरान ने क्या कहा?

इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने बयान जारी करते हुए कहा कि इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के अंदर के इलाकों पर बर्बर, आतंकवादी और बच्चों की हत्या करने वाले जायोनी शासन द्वारा शुक्रवार सुबह किए गए आक्रमण और आपराधिक हमले के जवाब में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने एक सटीक जवाबी कार्रवाई शुरू की है.

IRGC ने बयान में आगे कहा कि अल्लाह की ताकत पर यकीन करते हुए, कमांडर-इन-चीफ के नेतृत्व और ईरानी लोगों की एकजुट मांग और समर्थन के साथ, IRGC ने दर्जनों टारगेट्स के खिलाफ ऑपरेशन ‘ट्रू प्रॉमिस 3’ को अंजाम दिया है, जिसमें कब्जे वाले इलाकों में जायोनी शासन के सैन्य केंद्र और हवाई अड्डे शामिल हैं.

ईरानी लोग हमारे साथ: खामेनेई

ईरान के सुप्रीम लीडर अली खामेनेई के सोशल मीडिया हैंडल से जारी किए गए बयान में कहा कि ईरानी लोग हमारे साथ हैं. वे सशस्त्र बलों का समर्थन करते हैं और अल्लाह की रहमत से इस्लामी गणतंत्र जायोनी शासन पर फतह हासिल करेगा. यह निश्चित है कि इस्लामी गणराज्य की सशस्त्र सेनाएं इस जायोनी दुश्मन को भारी नुकसान पहुंचाएंगी. जायोनी शासन जघन्य अपराध से सुरक्षित बच नहीं पाएगा.

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