भारत के 12 नाविक एजेंट्स के झांसे में आकर तुर्किये के एक जहाज पर फंस गए हैं. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्किये के इस्तांबुल के अंबरली बंदरगाह पर एमवी फातमा ईलूल नाम का जहाज फंसा है. इसमें भारत के 12 नाविक पिछले साढ़े तीन महीनों से बिना पैसों के गुजारा करने को मजबूर हैं.
इन नाविकों को एजेंट्स ने ठगा है। जहाज के कैप्टन क्लीटस जेसुडासन ने गुहार लगाई है कि या तो हमें आजाद करा लो या हमें मार डालो. हम असहाय महसूस करते हैं, हमारे परिवार के पास गुजर-बसर के पैसे नहीं हैं. हमें जहाज नहीं छोड़ने के लिए कहा गया है. शिप के क्रू ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
नाविको को कहना है कि उन्हें नवी मुंबई और बेलापुर की RPSL कंपनीज NAMS शिप मैनेजमेंट कंपनी और RAS मैनेजमेंट कंपनी ने काम पर रखा था. ज्वाइनिंग के समय नहीं बताया गया था कि जहाज तुर्किये की अथॉरिटीज की गिरफ्त में है. दरअसल, जहाज के मालिक ने पुराने क्रू को सैलरी नहीं दी थी. जिसके बाद तुर्किये की लोकल अथॉरिटी ने एक्शन लेकर जहाज को अपने कब्जे में ले लिया था.
एक अन्य नाविक कन्नन राजेंद्रन का कहना है कि जहाज पर चढ़ने के बाद, हमें एहसास हुआ कि जहाज लंबे समय से नहीं चल रहा था. जहाज की हालत बहुत खराब है. 16 जून को सुरक्षा और क्षतिपूर्ति कवर समाप्त हो जाएगा. हमारी स्थिति बेहद खराब है, ठीक से खाने को भी नहीं मिल रहा है.
शिपिंग विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कैप्टन मनीष कुमार का कहना है कि एजेंट्स को नोटिस जारी किए जा रहे हैं. एक RPSL एजेंट का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया. हम इस मुद्दे से अवगत हैं और हमने अधिकारियों से स्थिति जानने के लिए कहा है.
हम उन्हें वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ बातचीत भी कर रहे हैं. तुर्किये में भारत की एंबेसी से कॉन्टेक्ट भी किया गया है. जल्द ही ये नाविक वापस भारत लौट आएंगे.