घी पर 12% GST ज्यादा, एक्सपर्ट बोले- ‘हर घर की जरूरत पर टैक्स कम होना चाहिए’

देश में खाने-पीने की चीजों पर लगने वाला गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) एक बार फिर बहस का विषय बन गया है। इस बार केंद्र में है भारतीय रसोई की जान—घी।विशेषज्ञों का कहना है कि घी को भारत में ‘लिक्विड गोल्ड’ कहा जाता है। यह हर घर की रसोई में रोजमर्रा की चीज है, लेकिन उस पर 12% GST लगाना आम उपभोक्ताओं पर बोझ है।

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दूध-दही को छूट, घी पर कर क्यों?
घी एक डेयरी प्रोडक्ट है, लेकिन दूध और दही जैसी जरूरी चीजों पर जहां कोई टैक्स नहीं है, वहीं घी पर इतना भारी टैक्स क्यों लगाया गया है—यह सवाल उठाया जा रहा है।

5% GST करने की मांग
डायरी इंडस्ट्री और टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि घी पर 12% की जगह सिर्फ 5% GST लगाया जाए। इससे आम जनता को राहत मिलेगी और डेयरी उद्योग को भी सहारा मिलेगा।

आयुर्वेद और संस्कृति में भी अहम है घी
विशेषज्ञों ने यह भी तर्क दिया कि घी केवल खाद्य सामग्री नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक चिकित्सा और भारतीय परंपरा का भी अहम हिस्सा है। इस पर टैक्स कम करना सामाजिक दृष्टि से भी उचित है।

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