लखनऊ: इस्लाम अपनाने वाले 12 लोग वापस हिंदू धर्म में लौटे, विश्व हिंदू रक्षा परिषद ने कराई ‘घर वापसी’, जानिए इनकी कहानी

यूपी की राजधानी लखनऊ में इस्लाम अपनाने वाले 12 लोग वापस हिंदू धर्म में लौट आए हैं. विश्व हिंदू रक्षा परिषद की अगुवाई में गोमती नगर के शिव मंदिर में इन 12 लोगों को बुलाकर ‘घर वापसी’ कराई गई. इस दौरान इनको त्रिपुंड लगाया गया, भगवा वस्त्र पहनाया गया और फिर वैदिक मंत्रों के साथ हवन-पूजन कराया गया. पूरे विधि-विधान से इनकी हिंदू धर्म में वापसी कराई गई.

दरअसल, जिन 12 लोगों ने इस्लाम अपनाया था, उनमें किसी को लव जिहाद में फंसाकर धर्मांतरण कराया गया था, किसी को पैसों का लालच दिया गया था, तो किसी को विदेश में नौकरी का झांसा दिया गया था. ब्लैकमेलिंग से तंग ये लोग विश्व हिंदू रक्षा परिषद के लोगों के संपर्क में आए. जिसके बाद आज इनकी ‘घर वापसी’ हुई.

औरैया की मांडवी शर्मा को जैनब बनाया गया. पिता की शराब पीने की लत को ‘पीर बाबा’ से छुड़वाने के नाम पर मेराज अंसारी घर में रूद्र शर्मा बनाकर आने लगा. मेराज ने अपना नाम छिपाकर मांडवी से दोस्ती की उसको अपने प्रेम जाल में फंसाया, फिर उसको जैनब नाम देकर उससे निकाह कर लिया और उससे इस्लाम कुबूल करवा लिया.

इस्लाम कबूल करते ही मांडवी के ऊपर यातना और पाबंदियों का दौर शुरू हो गया. किसी तरीके से 3 महीने बाद मांडवी भाग कर अपने माता-पिता के पास पहुंची. मगर पीछा करते हुए मेराज अंसारी उर्फ रूद्र शर्मा भी घर पहुंच गया. बेटी की अश्लील वीडियो माता-पिता को दिखाकर पूरे परिवार धमकी देने लगा. जिसके चलते दोनों में मारपीट हो गई. बाद में मेराज उर्फ रूद्र की मौत हो गई.

वहीं, सिर पर जालीदार टोपी हटाकर शिव मंदिर में हिंदू बन रहे सहारनपुर के शहाबुद्दीन की अलग कहानी है. शहाबुद्दीन के घर पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया था. हर किसी से मदद मांगी पर किसी ने सहायता नहीं की. अब सहाबुद्दीन को उम्मीद है हिंदू बन जाएगा तो शायद उसकी फरियाद सुनी जाए. मंत्र उच्चारण के साथ हिंदू बन रहे शहाबुद्दीन का कहना है ऐसे खोखले और दिखावे वाले धर्म का क्या करें जो अपने ही लोगों को परेशान करता हो.

उधर, लखनऊ की रहने वाली एक और पीड़िता का भी यही दर्द है. उसे भी लव जिहाद का शिकार बनाया गया. उसने भावुक होते हुए अपनी कहानी सुनाई है. फिलहाल, इन सभी को विश्व हिंदू रक्षा परिषद हिंदू धर्म में शामिल करवा रहा है. इस दौरान पुलिस का पहरा रहा.

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