धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में स्थित प्रसिद्ध नरहरा जलप्रपात में सोमवार को एक बड़ा हादसा हो गया। वाटरफॉल पर पर्यटकों के लिए लगाए गए एडवेंचर झूले में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण वह अचानक टूट गया। उस समय झूले पर करीब 12 पर्यटक सवार थे। झूले के टूटते ही सभी नीचे गिर पड़े। हालांकि इस हादसे में कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई है, लेकिन कुछ पर्यटकों को मामूली चोटें आई हैं।
एडवेंचर के नाम पर लापरवाही
घटना के संबंध में जानकारी मिली है कि नरहरा वाटरफॉल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए हाल ही में कुछ एडवेंचर एक्टिविटी की शुरुआत की गई थी। इसमें पर्यटकों के रोमांच के लिए बड़े झूले लगाए गए थे। इनमें से एक झूले पर सोमवार को 12 पर्यटक सवार थे। तभी अचानक झूले की रस्सी और साथ में लोहे का पोल टूट गया। पर्यटक एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए, जिससे अफरा-तफरी मच गई। हादसे का वीडियो पास में मौजूद एक अन्य पर्यटक ने रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि झूला पहले कुछ समय के लिए झटका खाता है और फिर अचानक धड़ाम से नीचे गिरता है।
चोटें तो आईं, लेकिन बड़ा हादसा टला
हादसे में गनीमत यह रही कि झूला बहुत अधिक ऊंचाई पर नहीं था और नीचे घास और कीचड़ जैसा गीला मैदान था, जिससे गिरने का प्रभाव थोड़ा कम हो गया। घटना के बाद मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों और अन्य पर्यटकों ने तत्काल घायलों को उठाया। अधिकतर को हल्की चोटें आई हैं, किसी की हड्डी या सिर में गंभीर चोट की खबर नहीं है। हालांकि हादसे के बाद पर्यटकों में भय और आक्रोश दोनों नजर आया। लोगों ने मौके पर मौजूद ऑपरेटर और प्रशासन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि सुरक्षा के नाम पर सिर्फ दिखावा किया गया है। न तो झूले की नियमित जांच होती है और न ही कोई आपातकालीन व्यवस्था मौजूद थी।
जिम्मेदारी तय करने की मांग
स्थानीय लोगों और पर्यटकों ने प्रशासन से सवाल किया है कि आखिर इस झूले को चालू करने से पहले क्या तकनीकी जांच की गई थी? हादसे के वक्त कोई प्रशिक्षित गाइड या सुरक्षाकर्मी भी मौके पर मौजूद नहीं था। धमतरी जिला प्रशासन की ओर से इस पूरे मामले पर जांच के आदेश दिए गए हैं। पर्यटन विभाग के अधिकारियों से भी रिपोर्ट तलब की गई है। सूत्रों के मुताबिक झूले की निर्माण एजेंसी और संचालक को नोटिस भेजा जा सकता है।
लगातार बारिश से भी बढ़ रहा खतरा
गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से पूरे छत्तीसगढ़ में मूसलधार बारिश हो रही है। इससे नदी-नाले, झरने और जलप्रपात पूरी तरह शबाब पर हैं। इन्हीं प्राकृतिक नजारों को देखने के लिए राज्य और बाहर से बड़ी संख्या में पर्यटक इन इलाकों में पहुंच रहे हैं। लेकिन लगातार बारिश से भूमि खिसकने, फिसलन और तकनीकी ढांचे के अस्थिर होने का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में बिना समुचित जांच और मेंटेनेंस के पर्यटकों को जोखिम उठाना पड़ रहा है।