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इस वित्तीय वर्ष अप्रैल से अगस्त तक भर्ती हुए 122 बच्चे, 100 स्वस्थ होकर लौटे

वाराणसी: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा चिन्हित किए गए पड़ाव निवासी मुश्ताक़ के एक साल तीन माह के पुत्र आबिद को 28 अगस्त को अतिकुपोषित (सैम) होने पर पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) भर्ती किया गया । उस समय आबिद का वजन 5 किलो 185 ग्राम था । कुपोषित होने के कारण भूख में कमी होने लगी थी । समस्त जांच की गई और उपचार शुरू किया गया । साथ ही प्रोटीन व विटामिन युक्त पोषण आहार भी दिया गया । 14 दिन तक उपचार किया गया, जिसमें आबिद का 700 ग्राम बढ़ गया । पूरी तरह से स्वस्थ होकर 5 किलो 900 ग्राम के साथ आबिद डिस्चार्ज हुआ.

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आरबीएसके टीम द्वारा चिन्हित खनाव, काशी विद्यापीठ ब्लॉक निवासी राजकुमार की एक साल चार माह की बेटी आयुषी को सैम श्रेणी में थी, जिसे 28 अगस्त को एनआरसी में भर्ती कराया गया । भर्ती के समय आयुषी का वजन 5 किलो 380 ग्राम था । समस्त जांच के बाद 14 तक उपचार व पोषण आहार दिया गया । इस दौरान आयुषी का एक किलो से अधिक वजन बढ़ा । डिस्चार्ज के समय आयुषी का वजन 6 किलो 430 ग्राम था और पूरी तरह से स्वस्थ थी.

आपको बता दें इसी तरह अनेकों बच्चे डीडीयू राजकीय चिकित्सालय स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र से स्वास्थ्य लाभ पा चुके हैं। स्वास्थ्य एवं आईसीडीएस विभाग के संयुक्त समन्वय से संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में आरबीएसके टीम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गंभीर अति कुपोषित (सैम) बच्चों को भर्ती कराया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि एनआरसी वार्ड में आधुनिक सुविधाएं हैं। बच्चों के खेलने के लिए खिलौने व टीवी भी है। गर्मियों में एसी, पंखे और सर्दियों में रूम हीटर की व्यवस्था रहती हैं.

एनआरसी के प्रभारी डॉ सौरभ सिंह ने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र एक ऐसी सुविधा है जहां से जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे जिनमें चिकित्सकीय जटिलताएं होती हैं, उन्हें चिकित्सकीय सुविधाएं मुफ्त में प्रदान की जाती हैं। 10 बेड युक्त एनआरसी में 14 दिन तक बच्चों का इलाज व पोषक तत्वों से युक्त आहार दिया जाता है। बच्चों को दिन रात उपचार और पोषण आहार का ध्यान रखा जाता है। उन्होंने बताया कि इस वित्तीय वर्ष अप्रैल से अगस्त तक 122 बच्चों को भर्ती किया गया, जिसमें करीब 100 बच्चों का उपचार पूरा कर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। इस माह अब तक 16 बच्चों को भर्ती किया जा चुका है.

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