उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस ने एक टीवी पत्रकार समेत 14 लोगों को सरकारी जमीन हड़पने के आरोप में गिरफ्तार किया है. इस जमीन का बाजार मूल्य 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है. गिरफ़्तारी के बाद थाने पर जमकर हंगामा हुआ. पुलिस ने इस बाबत प्रेस नोट जारी कर बयान दिया है.
कानपुर पुलिस ने बताया कि राजस्व अधिकारी और सैमुअल गुरुदेव सिंह, जिन्हें जमीन पट्टे पर दी गई थी, द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों में नामजद किए जाने के बाद पत्रकार अवनीश दीक्षित और अन्य को रविवार को गिरफ्तार किया गया है.
मामले में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) हरीश चंद्र ने बताया कि पत्रकार अवनीश को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले में कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. अन्य आरोपियों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) (आपराधिक साजिश), 74 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर आपराधिक बल का प्रयोग), 127(2) (गलत तरीके से बंधक बनाना), 191(2) (दंगा), 308(5) (जबरन वसूली), 310(2) (डकैती), 324(4) (नुकसान पहुंचाने वाली शरारत), 329(4) (घर में जबरन घुसना), 351(2) (आपराधिक धमकी), 352 (जानबूझकर अपमान करना) और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
पुलिस के अनुसार, पत्रकार अवनीश दीक्षित को आज अदालत में पेश किया जाएगा. फोन पर न्यूज एजेंसी से बात करते हुए, जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) राकेश कुमार सिंह ने कहा कि अवनीश दीक्षित ने तीन दर्जन अन्य लोगों के साथ मिलकर पॉश सिविल लाइंस इलाके में लगभग 7,500 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर कथित रूप से अतिक्रमण किया है, जिसका बाजार मूल्य 1,000 करोड़ रुपये से अधिक है. ऐसी सूचना मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है.
डीएम ने कहा कि अवनीश दीक्षित और उसके आदमियों ने कथित रूप से ताले तोड़ दिए और कमरों पर अपने ताले लगा दिए. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त डीएम की अध्यक्षता वाली राजस्व टीम ने पाया कि यह जमीन सरकारी जमीन (नजूल) थी और इसका पट्टा पहले ही समाप्त हो चुका था.
डीएम ने आगे बताया कि यह जमीन 1884 में 99 साल की अवधि के लिए पट्टे पर दी गई थी. पट्टे का नवीनीकरण 25 साल के लिए किया गया था और वह अवधि भी अब समाप्त हो चुकी है. इसपर गैरकानूनी तरीके से कब्जा करने के आरोप में कार्रवाई हुई है.