छत्तीसगढ़ में एक अनोखा मामला सामने आया है जहां पर पेड़ों को काटने के लेकर मामला इतना गहमा-गहमी भरा हो गया है कि गांववाले कलेक्टर ऑफिस तक जा पहुंचे हैं. जी हां, गांव में कुछ लोगों के घरों के आगे सहजन और आम के पेड़ लगे हैं. इन पेड़ों को लगातार काटने को कहा जा रहा है. ग्राम विकास समिति लगातार इन परिवारों पर पेड़ों को काटने का दबाव बना रही है. पेड़ नहीं काटने के विवाद में गांववालों को समाज से भी बहिष्कृत कर दिया गया है.
पूरा मामला छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के भोथीपार गांव का है. जहां पर करीब 15 साल पहले एक पौधा रोपण कार्यक्रम हुआ था. इस कार्यक्रम में गांववालों के घरों के सामने अलग-अलग पौधे रोपित किए गए थे. अब यह पौधे पेड़ का रूप से चुके हैं और गांववालों के काफी काम आ रहे हैं. इनमें आम के पेड़ और सहजन के पेड़ शामिल हैं. लेकिन अब इन पेड़ों को काटने के लिए ग्राम विकास समिति आगे आई है. उन्होंने जिन परिवारों के सामने ये पेड़ लगे हैं उनसे इन्हें काटने के लिए कहा है.
बताया जा रहा है कि ऐसे कुल 14 परिवार हैं जिनके घरों के सामने सहजन और आम के पेड़ लगे हैं. इन्ही आम और सहजन के पेड़ों को काटने की बात कही जा रही है. हालांकि ये सभी परिवार इस बात के लिए बिलकुल भी राजी नहीं है. परिवार का कहना है उन्हें इन पेड़ों से कई तरह के फायदे भी हैं. वह किसी भी कीमत पर इन पेड़ों को नहीं काटना चाहते हैं. लेकिन ग्राम विकास समिति की ओर से लगातार उन पर दबाव बनाया जा रहा है. पेड़ नहीं काटने पर पंचायत बुलाकर उन्हें समाज से बहिष्कृत किया गया है.
अतिक्रमण कर रखा है…
इस पूरे मामले में ग्राम विकास समिति ने इस 14 घरों के लोगों पर पेड़ों के बहाने अतिक्रमण का आरोप लगाया है. वहीं इस मामले में जब ग्राम विकास समिति ने इन परिवार पर एक्शन लिया है तो अब ये मामला कलेक्टर ऑफिस तक पहुंच गया है. इससे पहले भी यह मामला कलेक्टर ऑफिस तक पहुंचा था लेकिन इस मामले में कोई जांच या कार्रवाई नहीं हुई है. इस बार अपर कलेक्टर इंदिरा देवहारी ने जांच कराने की बात कही है.