उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में महज एक महीने के भीतर 10 पुरुषों और चार महिलाओं समेत 14 लोग एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं. इनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है. जिन लोगों में एचआईवी के लक्षण मिले हैं, उनकी उम्र 30 साल के पार हैं. अब जिले में एचआईवी पीड़ितों की संख्या बढ़कर 2,360 हो गई है.
महराजगंज जिले में एचआईवी तेजी से अपना पांव पसार रहा है. हालत ये है कि महज एक महीने के भीतर ही चार महिलाओं समेत 14 लोग एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं. इनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है. जिले में एचआईवी पीड़ितों की संख्या बढ़कर अब 2,360 हो गई है. ये सभी पीड़ित एआरटी सेंटर से दवा ले रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिला के पेट में पल रहे नवजात को लेकर चिंतित है. नवजात को एचआईवी से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कोशिशें तेज कर दी हैं. जिला अस्पताल के आईसीटीसी सेंटर में जून माह में 1108 लोगों ने एचआईवी जांच कराया था. इनमें 393 पुरुष थे, जबकि 715 महिलाएं थी. इनमें 10 पुरुष और चार महिलाएं एचआईवी पॉजिटिव पाई गई हैं. ऐसे में जिले में अब एचआईवी पीड़ितों की संख्या बढ़ गई है. ये सभी एचआईवी संक्रमित एआरटी से दवा ले रहे हैं. इन सभी को हर माह एआरटी सेंटर आकर दवा लेने की सलाह दी गई है.
डॉक्टरों की निगरानी में होगी गर्भवती की डिलिवरी
गर्भवती महिला में एचआईवी वायरस की पुष्टि होने के बाद से ही अस्पताल प्रशासन सतर्क है. गर्भवती को काउंसलर के संपर्क में रहने और सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. साथ ही डॉक्टर की देखरेख में गर्भवती महिला का प्रसव कराने की स्वास्थ्य विभाग की तैयारी पूरी है.
एचआईवी पीड़ितों की होती है सीडी फोर जांच
एचआईवी पीड़ितों की समय-समय पर सीडी फोर जांच कराई जाती है. एआरटी सेंटर पर पहुंचकर उन्हें सीडी फोर जांच करानी होती है. एआरटी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. एवी त्रिपाठी ने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध से एचआईवी फैलता है, जो लोग एचआईवी पीड़ित हैं, उनकी समय-समय पर सीडी फोर जांच कराई जाती है ताकि उनके स्वास्थ्य में कोई गड़बड़ी न हो. इसमें यह ध्यान दिया जाता है कि मरीज का सीडी फोर 350 न्यूल से कम होने पर पौष्टिक आहार लेने की सलाह दी जाती है.