नेपाल में दंगों के बीच छतरपुर के 14 लोग फंसे, पीएम मोदी से लगाई सुरक्षित वतन लौटाने की गुहार

नेपाल में इन दिनों हिंसक विरोध प्रदर्शनों ने हालात बेहद गंभीर बना दिए हैं। दंगों के बीच सैकड़ों लोग अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं। इन्हीं में मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के चार परिवारों के करीब 14 लोग भी शामिल हैं, जो राजधानी काठमांडू में फंसे हैं। भयभीत इन लोगों ने वीडियो संदेश जारी कर भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि हालात बिगड़ते जा रहे हैं और उन्हें सुरक्षित भारत वापस लाया जाए।

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छतरपुर के इन परिवारों ने बताया कि काठमांडू में जगह-जगह उपद्रवी भीड़ हमला कर रही है। कई इलाकों में सेना के जवानों से हथियार छीनने की कोशिशें हुई हैं, जबकि कुछ बंगलों पर उपद्रवियों ने कब्जा कर लिया है। आगजनी और तोड़फोड़ से माहौल बेहद तनावपूर्ण है। परिवारों ने कहा कि वे अपने बच्चों और बुजुर्गों को लेकर बेहद डरे हुए हैं और हर पल उन्हें किसी अनहोनी का डर सताता है।

नेपाल की राजधानी समेत अन्य इलाकों में हिंसा लगातार बढ़ रही है। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब भीड़ ने पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी आरज़ू राणा देउबा पर हमला कर दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दोनों खून से लथपथ नजर आए। इस घटना के बाद पूरे नेपाल में हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं।

हिंसा का असर अब भारत की सीमाओं पर भी दिखने लगा है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी जारी की है कि नेपाल की स्थिति का असर भारत की सीमा और कानून-व्यवस्था पर भी पड़ सकता है। इसी वजह से बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स और पुलिस को सतर्क कर दिया गया है।

छतरपुर के फंसे लोगों ने अपील की है कि भारत सरकार तत्काल पहल कर उन्हें वहां से बाहर निकाले। उनका कहना है कि वे भय और असुरक्षा के माहौल में हैं और जल्द से जल्द वतन लौटना चाहते हैं। नेपाल में बिगड़ते हालात के बीच यह घटना भारत के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।

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