मॉनसून के आने से गर्मी से तो राहत मिल गई लेकिन नई मुसीबत शुरू हो गई है. कहीं मूसलाधार बारिश से घर डूब रहे तो पहाड़ दरकने से जिंदगी पर आफत आ रही है. मॉनसूनी प्रहार से देश का एक बड़ा हिस्सा मुश्किलों में है. हिमाचल प्रदेश के मंडी में ब्यास नदी में उफान से रेड अलर्ट घोषित करना पड़ा है तो रुद्रप्रयाग में अलकनंदा में उफान से भगवान शिव की प्रतिमा का बड़ा हिस्सा डूब चुका है. चमोली में पहाड़ दरकने से रास्ता बंद हो गया है तो देहरादून में सौंग नदी उफान पर है.
कोटद्वार में आज नेशनल हाईवे पर गुमखाल-सतपुली के बीच भूस्खलन हो गया. इस घटना को लेकर अफरातफरी मच गई. इस भूस्खलन की तस्वीरें डराने वाली हैं. घटना के बाद से कोटद्वार-नजीबाबाद के बीच आवाजाही बंद है. इससे देहरादून-दिल्ली रूट के यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर लंबा जाम लगा हुआ है.
उधर चमोली में बिरही निजमुला मोटर मार्ग बारिश के चलते पहाड़ से पानी की तरह बहकर आए पत्थर और भारी मलबे की वजह से बंद हो गया. चमोली बिरही निजमुला मोटर मार्ग पर अचानक हुई बारिश के बाद पहाड़ से चट्टान पत्थर बहकर सड़क पर आ गये हैं. जिससे मोटर मार्ग पूर्ण तरीके से बाधित हो गया है गाड़ी गांव के पास अचानक तेज बारिश के साथ सड़क पर पहाड़ से पानी और पत्थर पत्थर बहकर आने लगे यहां से गुजर रहे लोगों ने अपनी गाड़ियों को सुरक्षित स्थान पर ही पार्क कर दिया है.
नदी में जलमग्न हुई शिव की मूर्ति
रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी से लगभग 20 मीटर दूर भगवान शिव की 15 सेट ऊंची मूर्ति है, लेकिन यह मूर्ति भी नदी में जलमग्न हो रखी है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि अलकनंदा नदी किस तरीके से विकराल रूप धारण करके बह रही है. फिलहाल प्रशासन की ओर से नदी किनारे जाने पर रोक लगाई गई है और जो लोग नदी किनारे रहते हैं उन्हें समय-समय पर अलर्ट किया जा रहा है और नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद उनसे घर खाली जा रहे हैं.
उत्तरकाशी में सिलाई बैंड के पास बादल फटने की घटना में 9 लोग हताहत हो गए थे जिसमें दो शव मिल गए. 7 लोग अभी भी लापता हैं. NDRF, SDRF और आईटीबीपी रेस्क्यू अभियान चला रहा है. यमुनोत्री नेशनल हाइवे कई स्थानों पर बंद पड़ा है जिसे खोलने की कवायद जारी है. मार्ग खुलते ही यमुनोत्री की ओर रोके गए तीर्थ यात्रियों को निकाला जायेगा.
यमुनोत्री नेशनल हाईवे के 3 हिस्सों पर शनिवार को भारी बारिश और बादल फटने के चलते मार्ग टूट जाने से पिछले दो दिनों से 700 से अधिक तीर्थयात्रियों को यमुनोत्री धाम की ओर रोका गया है. मार्ग बाधित होने के कारण तीर्थयात्री विभिन्न स्थानों पर रुके हुए हैं.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में भी तबाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आसमान से हो रही बेतरतीब बारिश और दरकते पहाड़ दिलों में खौफ पैदा कर रहे हैं.