पश्चिम बंगाल (West Bengal) के मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा की घटना सामने आने के बाद अब तक कुल 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन ने मंगलवार को हिंसक रूप ले लिया. जंगीपुर क्षेत्र में आयोजित इस विरोध रैली में हजारों लोग जुटे थे, जिनकी मांग थी कि इस विवादास्पद कानून को वापस लिया जाए. लेकिन विरोध प्रदर्शन जल्द ही उग्र हो गया और स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. इस दौरान पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें आग के हवाले कर दिया गया.
‘हम शांतिपूर्ण आंदोलनों के पक्षधर…’
पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी ने कहा, “पहले लेफ्ट सरकार के दौर में आंदोलनकारियों को इतनी प्रताड़ना का सामना नहीं करना पड़ता था. आजकल की स्थिति में यह सवाल उठता है कि अब क्यों ऐसा हो रहा है? हालांकि, हमें यह भी समझना चाहिए कि किसी भी आंदोलन में हिंसा या संघर्ष से समस्या का समाधान नहीं होता.”
उन्होंने आगे कहा कि शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से अपने मुद्दों को उठाना ही सबसे सही रास्ता है. हम सभी शांतिपूर्ण आंदोलनों के पक्षधर हैं क्योंकि अपने अधिकारों की रक्षा करने का यही सबसे प्रभावी और सभ्य तरीका होता है.
‘क्या कोई यह कह सकता है?’
बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा, “यह लोगों को डराने के लिए है, वे हमें रामनवमी पर नहीं डरा पाए, इसलिए वक्फ बिल पर विरोध कर रहे हैं. CAA पारित होने के बाद हमने 3 दिनों तक हिंसा देखी, जिसमें रेलवे ट्रैक और बसों में तोड़फोड़ की गई. ऐसा ही तब हुआ, जब दिल्ली की एक महिला बीजेपी नेता ने कुछ कहा. कितनी गिरफ्तारियां हुईं? राज्य ऐसा कैसे होने देता है? क्या कोई यह कह सकता है कि मैं संसद में पारित कानून को स्वीकार नहीं करूंगा?
हिंसा की शुरुआत कैसे हुई?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, वक्फ विधेयक के खिलाफ यह रैली PWD ग्राउंड, जंगीपुर में कई संगठनों द्वारा आयोजित की गई थी. मुर्शिदाबाद के विभिन्न हिस्सों से लोगों का जमावड़ा यहां हो रहा था. वहीं, रामनवमी के अवसर पर कई जगहों पर शोभायात्राएं भी निकाली जा रही थीं, जिससे पुलिस बल पहले से ही विभाजित था और PWD ग्राउंड पर तैनाती अपेक्षाकृत कम थी.
इसी दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग के पास पहुंचकर सड़क को जाम कर दिया. पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया, तभी एक व्यक्ति गिर गया. इसके बाद अफवाह फैल गई कि वह व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया या उसकी मृत्यु हो गई है. इस अफवाह ने भीड़ को और उग्र कर दिया. देखते ही देखते पुलिस पर पथराव शुरू हो गया और भीड़ ने पुलिस की दो गाड़ियों में आग लगा दी. सड़क किनारे खड़ी कई अन्य गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया.