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बिखरी कांग्रेस को समेटने की मशक्कत, चलेगा सतत बैठकों का दौर

भोपाल। लोकसभा चुनाव में प्रदेश से पूरी तरह सिमट चुकी कांग्रेस अब खुद को समेटने में जुट रही है। विधानसभा 2023 की हार का मंथन भी अभी बरकरार है। पार्टी में नई ऊर्जा, उत्साह, जोश और दम भरने के लिए केंद्रीय से लेकर प्रदेश संगठन तक सक्रिय होने लगा है। शनिवार से राजधानी भोपाल में सतत बैठकों का दौर चलने वाला है। जिसमें विधानसभा में शिकस्त खाए प्रत्याशियों से लेकर फतेह हासिल करने वाले विधायकों तक को जोड़ा जाएगा। केंद्रीय नेताओं के साथ प्रदेश के नेता भी इन बैठकों में शामिल होंगे।

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जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश कांग्रेस बड़ी बैठक कर रही है। इस मीटिंग में विधानसभा चुनाव 2023 में हारे हुए प्रत्याशियों और जीतने वाले विधायकों को बुलाया गया है। पार्टी दो दिन अलग-अलग कमेटियों की मीटिंग करेगी। यह बैठक प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह ले रहे हैं। बैठक में साल 2023 में हुई विधानसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशियों और जीते हुए विधायकों को बुलाया गया है।

पार्टी को मजबूत करने और आंदोलन की बनेगी रणनीति
शनिवार सुबह शुरू हुई बैठक में कांग्रेस विधायक और हारे हुए उम्मीदवारों से चर्चा की जा रही है। जबकि 7 जुलाई को अलग-अलग कमेटियों की बैठक होनी है। इस दौरान कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने को लेकर मंथन किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के मुद्दों को लेकर आंदोलन की भी रणनीति बनाई जाएगी।

लोकसभा चुनाव में हारे प्रत्याशियों से की थी चर्चा
गौरतलब है कि जून के आखिरी सप्ताह में चव्हाण के साथ ही ओडिशा के सांसद सप्तगिरि उल्का और गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी भोपाल आए थे। इन नेताओं ने दो दिन राजधानी में रहकर लोकसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशियों और पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के सदस्यों से चर्चा की थी। लोकसभा इलेक्शन में कांग्रेस को मिली करारी हार के कारण का पता लगाने के लिए उम्मीदवारों से वन टू वन चर्चा की थी।
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भोपाल से खान आशु की रिपोर्ट

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