कांग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने बताया मंच का सच, बोले- पप्पू यादव की बयानबाजी गलत

बिहार राजनीति में बवाल मच गया है. पटना में बीते दिन हुए महागठबंधन के बिहार बंद कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव को राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के साथ मंच पर चढ़ने से रोके जाने का मामला सुर्खियों में है. इस पर कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य और सीनियर नेता अखिलेश प्रसाद सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह महागठबंधन का कार्यक्रम था और ट्रक पर सीमित जगह के कारण कन्हैया कुमार और पप्पू यादव का नाम लिस्ट में शामिल नहीं हो सका था.

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अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि ‘यह कोई जानबूझकर किया गया कदम नहीं था. ट्रक की जगह सीमित थी, इसलिए ऐसा हुआ.’ उन्होंने पप्पू यादव द्वारा आरजेडी नेता तेजस्वी यादव पर की गई सियासी बयानबाजी को गलत ठहराया है. सिंह ने कहा कि ‘अगर पप्पू यादव राहुल गांधी को अपना नेता मानते हैं, तो उन्हें तेजस्वी पर इस तरह हमला नहीं करना चाहिए. यह महागठबंधन की एकता को कमजोर करता है.

मंच विवाद ने मचाई सियासी हलचल

बिहार बंद के दौरान राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आयोजित प्रदर्शन में कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को मंच पर जगह न मिलने से सियासी गलियारों में हलचल मच गई है. कुछ लोगों ने इसे तेजस्वी यादव की रणनीति बताया, जबकि पप्पू यादव ने तेजस्वी पर गठबंधन को कमजोर करने का आरोप लगाया है. पप्पू ने दावा किया कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में तेजस्वी ने उनका साथ दिया होता तो इंडिया गठबंधन और मजबूत होता.

कांग्रेस और आरजेडी में तनातनी?

यह पहली बार नहीं है जब कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को लेकर महागठबंधन में असहजता सामने आई है. 2019 में भी कन्हैया को बेगूसराय से लेफ्ट ने उतारा था, लेकिन आरजेडी ने अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया था. वहीं 2024 में पप्पू यादव ने पूर्णिया से कांग्रेस में शामिल होने के बाद टिकट की उम्मीद की थी. लेकिन लालू प्रसाद यादव ने बीमा भारती को टिकट दे दिया था. इन घटनाओं से महागठबंधन की एकता पर सवाल उठ रहे हैं.

हमें एकजुट रहना है और ऐसी छोटी-मोटी बातों से बचना चाहिए: अखिलेश

अखिलेश प्रसाद सिंह ने इस विवाद को तूल न देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि महागठबंधन का उद्देश्य बिहार में एकजुट होकर बीजेपी के खिलाफ लड़ना है. ऐसे में छोटी-मोटी बातों को लेकर बयानबाजी से बचना चाहिए. उन्होंने कन्हैया और पप्पू से एकता बनाए रखने की अपील की है. दूसरी ओर सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर चर्चा तेज है. पप्पू यादव ने हाल ही में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय किया था, लेकिन पूर्णिया से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वहीं कन्हैया कुमार को बेगूसराय की जगह दिल्ली से टिकट दिया गया था. दोनों नेताओं की सक्रियता को कांग्रेस का भविष्य माना जाता है, लेकिन मंच विवाद ने गठबंधन की अंदरूनी खींचतान कोजग-जाहिर कर दिया है.

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