आंध्र प्रदेश तिरुपति 4 अगस्त: तिरुमला तिरुपति देवस्थानम यानी TTD ने भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए एक नई पहल की घोषणा की है. इस योजना के तहत क्राउड मैनेजमेंट में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी AI का इस्तेमाल किया जाएगा. इसका उद्देश्य मंदिर में दर्शन के वेटिंग टाइम को मौजूदा 8 से 12 घंटे से घटाकर दो घंटे से कम करना है.
TTD की इस तकनीकी पहल ने समर्थन के साथ-साथ विवाद को भी जन्म दिया है. एक ओर TTD अध्यक्ष बीआर नायडू इस कदम को “भविष्य की दिशा में उठाया गया आवश्यक और तार्किक कदम” मानते हैं वहीं दूसरी ओर पूर्व कार्यकारी अधिकारी और सेवानिवृत्त IAS अधिकारी एलवी सुब्रमण्यम ने इसे “अवास्तविक और अव्यावहारिक” करार दिया है.
रविवार को तिरुमला में पत्रकारों से बात करते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि स्थान और प्रक्रिया से जुड़ी मौजूदा सीमाओं को देखते हुए केवल तकनीक के भरोसे लाखों भक्तों की भीड़ को कुशलता से संभालना असंभव है. उन्होंने कहा कि इस योजना पर खर्च होने वाले संसाधनों का उपयोग तीर्थयात्रियों की बुनियादी सुविधाएँ जैसे पेयजल, शौचालय और विश्राम स्थल सुधारने में किया जाना चाहिए.
सीधा खर्च टीटीडी पर नहीं होगा
दूसरी ओर, बीआर नायडू ने आलोचनाओं को “भ्रामक” बताते हुए स्पष्ट किया कि यह एआई आधारित सिस्टम Google और TCS जैसी कंपनियों की मदद से विकसित किया जा रहा है और इसका कोई सीधा खर्च TTD पर नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि इस तकनीक का उद्देश्य केवल कतार प्रबंधन में सुधार करना है न कि मंदिर की धार्मिक परंपराओं में कोई हस्तक्षेप.
AI निभाग सकता है IMP भूमिका
TTD का मानना है कि जब हर महीने लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं, तब दर्शन प्रक्रिया को अधिक सुगम और व्यवस्थित बनाना आवश्यक हो जाता है. तकनीकी समाधान, विशेष रूप से AI, इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. यह देखना बाकी है कि यह तकनीक व्यावहारिक रूप से कितनी प्रभावी सिद्ध होगी. फिलहाल ये तकनीक टेस्टिंग फेज में