दिल्ली में एक साथ दो बड़े ड्रग्स सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ है. कस्टम विभाग और दिल्ली पुलिस की अलग-अलग कार्रवाई में कुल 30 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की हेरोइन और मारिजुआना बरामद की गई है. दोनों मामलों में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें एक यात्री दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पकड़ा गया, जबकि दो महिलाओं को नंद नगरी इलाके से हिरासत में लिया गया है.
पहला मामला दिल्ली एयरपोर्ट का है. 21 अगस्त को बैंकॉक से सिंगापुर होते हुए दिल्ली पहुंचे एक भारतीय नागरिक को कस्टम अधिकारियों ने टर्मिनल-3 पर रोका. जब वह ग्रीन चैनल से बाहर निकल रहा था, तभी एक्स-रे स्कैन में उसके ट्रॉली बैग में संदिग्ध सामग्री दिखी. तलाशी के दौरान नीले और भूरे रंग के बैग से 25 काले पॉलिथीन पैकेट बरामद हुए. पैकेट खोलने पर हरे रंग का मादक पदार्थ मिला.
इसके बाद जब सामग्री की जांच की गई तो यह संदेह सही निकला. पैकेटों से करीब 25 किलो गांजा बरामद किया गया. इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 25 करोड़ रुपए आंकी गई. आरोपी यात्री को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. गांजा जब्त कर लिया गया. दूसरा मामला दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की कार्रवाई से जुड़ा है. 22 अगस्त को पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में छापेमारी की गई.
यहां से दो महिला ड्रग सप्लायरों को गिरफ्तार किया गया. तलाशी में उनके पास से 1049 ग्राम हेरोइन, एक नीला स्कूटर, नकदी और मोबाइल फोन बरामद हुए. जब्त की गई हेरोइन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 5 करोड़ रुपए से अधिक बताई जा रही है. पुलिस जांच में सामने आया कि इस सिंडिकेट का संचालन 54 वर्षीय सीमा और उसकी 43 वर्षीय भाभी समिता कर रही थीं. सीमा नंद नगरी की रहने वाली है.
उसकी भाभी समिता शाहदरा की निवासी है. दोनों को जीटीबी अस्पताल के पास उस वक्त पकड़ा गया, जब वे नंद नगरी की झुग्गी कॉलोनी में हेरोइन की खेप पहुंचाने की कोशिश कर रही थीं. डीसीपी (क्राइम ब्रांच) संजीव कुमार यादव ने बताया कि सीमा पिछले दो दशकों से दिल्ली के नशीले पदार्थों के नेटवर्क में सक्रिय है. उसके खिलाफ 2000 से अब तक एनडीपीसी एक्ट के 10 और आबकारी एक्ट के 30 केस दर्ज हैं.
इस साल भी वह नंद नगरी और शाहबाद डेयरी थानों में दर्ज दो मामलों में वांछित थी. यही नहीं, उसके बेटों पर भी केस दर्ज हैं, जो इस पूरे परिवार की गहरी संलिप्तता को उजागर करता है. जांच में यह भी सामने आया कि सीमा अपने नेटवर्क में केंद्रीय समन्वयक की भूमिका निभाती थी. नशीले पदार्थों की खरीद, भंडारण और वितरण की कमान उसी के हाथ में थी. वहीं उसकी भाभी समिता स्थानीय स्तर पर सहयोग करती थी.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, हाल ही में खुफिया मैपिंग में सीमा के आवास को उन 64 सबसे बड़े और संवेदनशील ठिकानों में चिह्नित किया गया था, जहां से दिल्ली भर में नशीले पदार्थों की आपूर्ति की जाती थी. कस्टम और पुलिस की इस संयुक्त कार्रवाई ने राजधानी में सक्रिय दो बड़े ड्रग नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया है. अब इनके सप्लाई स्रोत और नेटवर्क से जुड़े अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है.